किसी के हक का लूट कर तुम कभी सुख से ना जी पाओगे, थोड़ा समय लगेगा, हिसाब ज़रूर होगा-मुनि अतुल


राजसमन्द@राजसमन्द टाइम्स। आचार्य महाश्रमण के आज्ञानुवर्ती शासन श्री मुनि रविंद्र कुमार एवं मुनि अतुल कुमार  भिक्षु विहार केलवा में विराज रहे हैं।

आध्यात्मिक प्रवचन माला में मुनि अतुल कुमार ने धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा सीधे सच्चे व्यक्ति को सताने का अर्थ सीधे भगवान से बगावत करना है। किसी के हक का लूट कर तुम कभी सुख से ना जी पाओगे, थोड़ा समय लगेगा, हिसाब जरूर होगा।जिस जिसने परिवार के साथ में ,अपनों के साथ में धोखा किया है वह आदमी जिंदगी में कभी भी सुख की रोटी नहीं खा सकता है, लिख लो आप स्टांप पेपर पर। जिसने अपने भाइयों के साथ में दगा किया, अपने परिवार के साथ में दगा किया, कुछ भी किया वह व्यक्ति कभी भी शांति की जिंदगी नहीं जी सकेगा। क्योंकि उसी के परिवार में ऐसी औलाद पैदा होगी जो उसे परेशान कर देगी, उसकी बर्बादी लिख देगी। पूर्व जन्म के कर्मों से ही इस जन्म में माता-पिता, भाई-बहन पति-पत्नी, प्रेमिका, मित्र-शत्रु, सगे-संबंधी इत्यादि जितने भी संसार के रिश्ते नाते हैं वे सब मिलते हैं। क्योंकि इन सबको यां तो हमें कुछ देना होता है यां इनसे कुछ लेना होता है । वैसे ही संतान के रूप में हमारा कोई पूर्व जन्म का संबंधी ही आकर जन्म लेता है। पूर्व जन्म का कोई ऐसा जीव जिससे आपने ऋण लिया हो या उसका किसी भी प्रकार से धन नष्ट किया हो, वह आपके घर में संतान बनकर जन्म लेगा और आपका धन बीमारी या व्यर्थ के कार्यों में तब तक नष्ट करेगा जब तक उसका पूरा हिसाब ना हो जाए। पूर्व जन्म का कोई दुश्मन आपसे बदला लेने के लिए आपके घर में संतान बनकर पैदा हो सकता है और बड़ा होने पर माता-पिता से मारपीट, झगड़ा या उन्हें सारी जिंदगी किसी भी प्रकार से उन्हें सताता ही रहेगा। हमेशा कड़वा बोलकर उनकी बेइज्जती करेगी व उन्हें दुखी रखकर खुश होगा । पूर्व जन्म के कर्मों से संबंधित कुछ ऐसी संतानें भी जन्म ले लेती हैं जो ना तो माता-पिता की सेवा करती हैं और ना ही कोई सुख देती है। विवाह होने पर यह माता-पिता से अलग हो जाते हैं । पूर्व जन्म में यदि आपने किसी की खूब सेवा की है तो वह अपनी की हुई सेवा का ऋण उतारने के लिए आपकी सेवा करने के लिए पुत्र बनकर आता है। जो बोया है, वही तो काटोगे। आपने मां बाप की सेवा की है तो ही आपकी औलाद बुढ़ापे में आपकी सेवा करेगी, वरना कोई पानी पिलाने वाला भी पास ना होगा ।

आप यह ना समझें कि ये सब बातें केवल मनुष्य पर ही लागू होती हैं। अगर आपने किसी पशु-पक्षी या जानवर को भी साता पहुंचाई है तो वह भी सेवक पुत्र-पुत्री के रूप में जन्म ले सकता है और इसके विपरीत यदि किसी निरपराध जीव को सताया है तो वह आपके जीवन में शत्रु बनकर आएगा। इसीलिए जीवन में कभी किसी का बुरा ना करें। चूंकि प्रकृति का नियम है कि आप जो भी करोगे, उसे वह आपको इस यां अगले जन्म में वह सौ गुणा करके देगी। मैं, मेरा तेरा, सारा धन यहीं का यहीं धरा रह जाना है, कुछ भी साथ नहीं जाना है ,साथ सिर्फ नेकियां ही जाएंगी। मुनि रविंद्र कुमार ने मंगल पाठ सुनाया। प्रवचन में काफी बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।