राजसमंद। सामाजिक नवचिंतन के लिए लगातार कार्यरत वी विश फॉर (WWF) सोसाइटी द्वारा अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य दिवस के उपलक्ष में 7 अप्रैल 2022 को “माहवारी से माँ : माँ से माहवारी” सेमीनार का आयोजन एसीपी रेस्टोरेंट, सेठ भगवानदास मार्केट, कांकरोली में किया गया। जिसमें राजसमंद में संचालित विभिन्न महिला वर्गों/समूहों का प्रतिनिधित्व कर रही महिलाओं ने भाग लिया।
वी विश फॉर सोसाइटी द्वारा गत चार वर्षों से संचालित प्रोजेक्ट “परिवर्तन की मशाल” में नवाचार करते हुए 6 मार्च 2022 को संस्था के स्थापना दिवस पर राजसमंद विधायक श्रीमती दीप्ति माहेश्वरी द्वारा “माहवारी से माँ : माँ से माहवारी” सेमीनार का प्रामोचन कर कार्यक्रम को प्रोजेक्ट में जोड़ा गया था। सेमीनार का उद्देश्य राजसमंद की बालिकाओं और महिलाओं में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाते हुए महावारी को लेकर सकारात्मक समझ विकसित करना, मासिक धर्म से जुड़े अंधविश्वासों का खंडन करते हुए उनके वैज्ञानिक आधार व तथ्यों की जानकारी देना, मासिक धर्म से जुड़ी स्वच्छता व स्वास्थ्य संबंधित बातों से अवगत करना तथा मासिक धर्म का प्रजनन से संबंध और मादा जनन तंत्र की कार्यिकी समझाना आदि है ।
सेमीनार की शुरुआत में संस्था सदस्या सोनल दीक्षित ने वीडियो के साथ संस्था का संक्षिप्त परिचय दिया। संस्था अध्यक्ष डॉ. राकेश तैलंग द्वारा किशोरियों को मासिक धर्म और प्रजनन स्वास्थ्य एवं यौन शिक्षा प्रदान करने हेतु परिवार के सदस्यों को प्रेरित किया गया। संस्था उपाध्यक्ष उमा जोशी द्वारा परिवर्तन की मशाल प्रोजेक्ट का परिचय देते हुए गत चार वर्षों में प्रोजेक्ट के अंतर्गत किए गए कार्यक्रमों से बालिकाओं और महिलाओं के जीवन में आये बदलावों के बारे में बताया। संस्था सदस्या अर्पणा पालीवाल ने “माहवारी से माँ : माँ से माहवारी”, थीम का अर्थ समझाते हुए कार्यक्रम के उद्देश्यों से सभी को अवगत कराया।
संस्था सचिव लेफ्टिनेंट (डॉ) विनिता पालीवाल ने मासिक धर्म, मादा जनन तंत्र की कार्यिकी, मासिक धर्म का प्रजनन से संबंध, यौन शिक्षा आदि विषयों की विस्तृत जानकारी दी तथा उपस्थित सभी महिलाओं को इस विषय पर अपनी बेटियों से खुलकर बात करने हेतु प्रेरित किया। संस्था सदस्या मोनिका बापना ने महावारी के समय होने वाली शारीरिक व मानसिक बदलावों के बारे में बताया और मासिक धर्म से जुड़ी स्वच्छता व स्वास्थ्य संबंधित बातें, सेनेटरी पैड, सिलिकॉन कप, टेम्पून, स्वच्छ कपड़े आदि के प्रयोग और निस्तारण (डिस्पोजल) की प्रक्रिया बताई। संस्था सदस्या सोनल दीक्षित द्वारा समाज में व्याप्त माहवारी संबंधित अंधविश्वासों का वैज्ञानिक तथ्यों के माध्यम से खंडन किया गया।
अंत में संस्था सदस्या ज्योति त्रिवेदी ने अपने पहले पीरियड का अनुभव सांझा करते हुए चर्चा सत्र हेतु महिलाओं को आमंत्रित किया, जिसमें शहर की जानी मानी हस्तियां वर्धिनि पुरोहित, रीता पालीवाल, सुमित्रा शर्मा, तरुणा कुमावत, नीना कावडिया, स्नेहलता दाधीच, प्रिया पगरिया, रीना त्रिवेदी, आशा पालीवाल, सीमा कावडिया, चित्रांशी बडोला, मधु चोरडिया हिमानी नंदवाना आदि ने अपने समाज में मासिक धर्म के संबंध में प्रचलित भ्रांतियों व मान्यताओं को बताते हुए वैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित बदलाव लाने हेतु विचार विमर्श किया।