राजसमन्द । राजसमन्द जन विकास संस्थान द्वारा संचालित जागृति परियोजना के तहत राजसमन्द जिले के आमेट, तथा भीलवाड़ा जिले के सहाड़ा ब्लॉक में कुल 30 गाँवों में किशोरी, महिला व किशोर समूह बनाकर बाल विवाह में कमी लाने हेतु प्रयास किये जा रहे है परियोजना के तहत पिता पुत्री के बीच संवाद बढ़ाने व् पिता और बेटियों के बीच के रिश्ते को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया। बेटियों के पालन-पोषण से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों के बारे में संचार और जागरूकता बढ़ाने पर केंद्रित इस प्रभावशाली कार्यक्रम में भीलवाड़ा और राजसमंद जिलों से 20 पिता-बेटी जोडो ने एक साथ भाग लिया ।
इस कार्यक्रम में संस्थान सलाहकार अरविन्द पामेचा द्वारा परिवारों के भीतर मजबूत, संवादात्मक संबंधों को बढ़ावा देने के महत्व पर प्रकाश डाला गया, जिसमें इस बात पर जोर दिया गया कि बेटियों के समग्र विकास और सशक्तिकरण में पिता की भागीदारी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। संस्थान निदेशिका शकुन्तला पामेचा ने चर्चा के दौरान बताया कि हमे एक ऐसा सहायक वातावरण तैयार करना है , जहाँ पिता अपनी बेटियों के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में अधिक जागरूक हो सके और उनकी परवरिश में सकारात्मक योगदान देने के प्रभावी तरीके सीख सके। प्रोजेक्ट ऑफिसर नीता कुमावत ने बताया की संस्थान द्वारा इस पहल का उद्देश्य बेटियों के लिए एक उज्जवल और अधिक सुरक्षित भविष्य का मार्ग प्रशस्त करना था। प्रतिभागियों ने बाधाओं को तोड़ने और विश्वास बनाने के लिए डिज़ाइन किए गए विभिन्न इंटरैक्टिव सत्रों में भाग लिया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बेटियों की भावी पीढ़ी आत्मविश्वास और समर्थन के साथ बड़ी हो, जिसकी उन्हें बढ़ने के लिए आवश्यकता है। जागृति परियोजना के तहत राजसमंद जन विकास संस्थान द्वारा की गई यह पहल सामाजिक परिवर्तन की दिशा में एक सार्थक कदम है, जो एक ऐसे भविष्य का वादा करती है जहां बेटियों को निडर होकर अपने सपनों को पूरा करने के लिए अपने पिताओं से सहयोग और प्रोत्साहन मिले।
कार्यक्रम में संस्थान से मोनिटरिंग &इवेल्युवेशन ऑफिसर भूपेंद्र सिंह ,कलस्टर कोर्डिनेटर उमा पालीवाल फिल्ड कोर्डिनेटर ललिता शर्मा ,खुबलता रेगर ,ललिता यादव व् डाली खटिक ने भाग लिया |