कैलाश के गीतों और हंसराज के भजनों से झूमेगा विश्वास स्वरुपम धाम, भक्ति के साथ होगा भाव का संगम

29 से 6 नवम्बर तक होगा विश्व की सबसे बड़ी शिव प्रतिमा का लोकार्पण महोत्सव

नाथद्वारा। संत कृपा सनातन संस्थान की ओर से श्रीजी की नगरी में 29 अक्टूबर से 6 नवम्बर तक आयोजित होने वाले ‘‘विश्वास स्वरूपम्’’ अनावरण एवं रामकथा महोत्सव में भक्ति के साथ ही सांस्कृतिक झलक भी देखने को मिलेगी।  कवि सम्मेलन के साथ ही सांस्कृतिक संध्या में ख्यातनाम गायक भी अपने सुरों से कार्यक्रम को सजायेंगे।

ततपदम् संस्थान की ओर से निर्मित विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा के लोकार्पण के लिए ‘‘विश्वास स्वरूपम्’’ अनावरण महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इसके तहत मुरारी बापू के श्रीमुख से नो दिवसीय रामकथा के रूप में भक्ति सरिता प्रवाहित होगी। इस भक्ति सरिता के साथ ही सांस्कृतिक सरिता भी प्रभावित होगी।

सांस्कृतिक सरिता में 2 नवम्बर को गुजराती कॉमेडी नाटकों के किंग *सिद्धार्थ रांडेरिया* अपनी प्रस्तुति देंगे। सिद्धार्थ रांडेरिया अभिनेता के रूप में सबसे अधिक लाईव प्रदर्शन का रेकार्ड बना चुके है। ‘‘लगे रहे गुज्जू भाई ने तीन वर्षो में दुनियाभर में 800 शो पूरे करते हुए गुजराती मंच पर एक रेकार्ड बनाया है। नट सम्राट (2018) में मुख्य भूमिका के लिए इन्हे दादा साहब फाल्के पुरस्कार मिल चुका है। इनकी ‘‘चाल जीवी लाई!’’ (2019) फिल्म एक साल से अधिक समय तक सिनेमाघरों में चलते हुए तब तक की सबसे अधिक कमाई वाली गुजराती फिल्म साबित हुई है।

3 नवम्बर को नए अंदाज में भक्ति गीतों का जादू बिखेरकर दर्शकों को झूमने पर विवश करने वाले बाबा *हंसराज रघुवंशी* अपनी शिव भक्ति की प्रस्तुति देंगे। देश के युवाओं में बड़ी जटाओं, महादेव के टैटू और भोले की भक्ति में झूमते रघुवंशी किसी पहचान के मोहताज नही है। रघुवंशी ने पहला गाना ‘‘बाबा जी’’ कंपोज करा उसे यू ट्यूब पर डाला था। वर्ष 2019 में ‘‘मेरा भोला है भण्डारी’’ भजन ने रघुवाशी को बतौर गायक स्थापित किया। बाबा हंसराज ने गायन की अपनी अलग ही शैली विकसित की है।

4 नवम्बर को देश के ख्यातनाम कवि ‘‘विश्वास स्वरूपम’’ काव्यधारा को प्रवाहित करेंगे। 5 नवम्बर को भारतीय पार्श्व गायक *कैलाश खेर* अपनी सुर लहरियां बिखेरेंगे। दर्जनों अवार्ड प्राप्त कर चुके कैलाश खेर ने बचपन में ही अपने पिता से संगीत की शिक्षा ली थी। विरासत में मिले संगीत को 18 भाषाओं में गाने वाले खेर की शैली भारतीय लोक संगीत से प्रभावित है।

 

विश्वास स्वरूपम् लोकार्पण महोत्सव से चमक रही बाजारों  की रौनक

नाथद्वारा। कोरोनाकाल के बाद से ही मंदी के साये में रह रहा बाजार अब संत कृपा सनातन संस्थान की ओर से 29 अक्टूबर से 6 नवम्बर तक आयोजित होने वाले ‘‘विश्वास स्वरूपम्’’ प्रतिमा लोकार्पण एवं रामकथा महोत्सव पर व्यापारी वर्ग अत्यंत उत्साहित है कि इस राष्ट्रीय स्तर के लोकार्पण आयोजन से बाजार में व्यापार के पंख लगेंगे और बाजार में नये आयाम स्थापित होंगे।

विश्वास स्वरूपम् और रामकथा को लेकर संत कृपा सनातन संस्थान ने सभी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है । स्थानीय व्यापारी भी विश्वास को संजोए हुए है कि नये वर्ष पर इन लाखों श्रोताओं की वजह से उनका व्यापार भी परवान चढ़ेगा तथा हर व्यापारी इन श्रोताओं के लिए पलक पांवड़े बिछायें हुए बांट जोह रहा है।  श्रीजी की नगरी में स्थापित विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा  देश विदेश के लोगों के आकर्षण का केन्द्र बनेगी और यहां व्यापार के नये आयाम स्थापित होंगे। श्रीजी की नगरी में नया पर्यटन स्थल विकसित हुआ है। नये ट्यूरिस्ट पोईन्ट के विकसित होने से बाजार को भी विकसित होने में मदद मिलेगी। विश्वास स्वरूपम् प्रतिमा देखने आने वाले पर्यटकों से होटल एवं रिसोर्ट व्यवसाय को भी संबल मिलेगा।

देश का पहला निजी टेलिस्कोप संस्करण भी बनेगा आकर्षण का केन्द्र

विश्वास स्वरूपम् के दर्शन के साथ ही यहां आने वाले पर्यटकों को खगोलीय घटनाओं की जानकारी भी सहज उपलब्ध हो सकेगी। तत् पदम् संस्थान की ओर से विश्व की सबसे ऊँची शिव प्रतिमा के निकट ही एक अत्याधुनिक ऑप्टिकल डिजाईन पर आधारित टेलिस्कोप भी स्थापित की जा रही है। सीडीके (करेक्टेड डॉल कीरखम) 700 टेलिस्कोप का डिजाइन आज के बडे़ प्रारूप के सीसीडी कैमरों का लाभ उठाने के लिए किया गया है। निजी स्तर पर भारत का सबसे बड़ा सीडीके 700 पूरी तरह से स्वचालित वेधषाला है। यह डीप स्काई एस्ट्रो फोटोग्राफी के लिए 50 डिग्री प्रति सेकण्ड तक की गति के साथ उपग्रह को भी ट्रैक कर सकता है तथा इसमें सटीक स्थिति के लिए प्रत्येक एक्सिस पर हाई रिजोल्यूशन एन्कोडर भी है। यह आकाश गंगा और सितारों की चालों को भी सटीक कैमरे में कैद कर लेता है।।