मुख्य सचिव की संभागीय आयुक्तों व जिला कलेक्टरों के साथ की समीक्षा बैठक-
जयपुर। मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा ने बताया कि 15 जुलाई से नए उद्देश्य और लक्ष्य के साथ प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत हर वार्ड में तीन दिवसीय शिविर लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सभी जिले घर-घर सर्वे कर ज्यादा से ज्यादा लोगों को पट्टे देने का लक्ष्य निर्धारित करें। उन्होंने कहा कि शिविर में जन भागीदारी बढ़ाने के प्रयास किए जाने चाहिए और पट्टा देने की प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाना चाहिए।
श्रीमती शर्मा ने यह बात शनिवार को शासन सचिवालय में प्रदेश के सम्भागीय आयुक्त और जिला कलेक्टर्स के साथ विभिन्न कार्यों की प्रगति के लिए आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने सभी जिला कलेक्टर्स को शिविर प्रारम्भ होने से पहले शिविर के स्थान, समय व पट्टे दिये जाने योग्य लोगों का सर्वे करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आमजन के मन से इस धारणा को निकालना जरूरी है कि पट्टा लेना कठिन कार्य है। उन्होंने कहा कि इसके लिए नियमों और निर्देशों के सरलीकरण के साथ उनमें एकरूपता होना जरूरी है ताकि शिविर में ही लोगों को पट्टे दिए जा सकें। उन्होंने कहा कि शिविरों को सफल बनाने के लिए स्थानीय नेताओं, पार्षदों व जन प्रतिनिधियों की भागीदारी भी बढाने के प्रयास किए जाने चाहिए।
श्रीमती शर्मा ने नगरीय विकास व आवासन विभाग द्वारा विभिन्न प्रकार की भूमियों के पट्टा जारी करने संबंधी नियमों व निर्देशों की पुस्तिका को जन कल्याण पोर्टल पर अपलोड करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिला कलेक्टरों को पट्टा वितरण कार्य में कोताही बरतने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही अमल में लाने के निर्देश भी दिए।
पर्यटन के क्षेत्र मे तलाशें नए अवसर, हर जिले में करें दो-दो पर्यटन स्थल विकसित
पर्यटन विभाग के कार्यों की प्रगति की समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि राजस्थान पर्यटन कि दृष्टि से सर्वाधिक पसन्द किया जाने वाला राज्य है। राज्य की जीडीपी में 13.9 प्रतिशत योगदान पर्यटन का है। इसे बढ़ाकर 15 प्रतिशत किया जाने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले में दो-दो नए पर्यटन के क्षेत्र चिन्हित व विकसित करें साथ ही राजस्थान का प्रत्येक जिला पर्यटकों को नए अनुभव प्रदान करने का प्रयास करें। उन्होंने आगामी इनवेस्ट राजस्थान समिट में पर्यटन क्षेत्र के 363 एमओयू और एलओई होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि राजस्थान का एक बड़ा हिस्सा पर्यटन की दृष्टि से अछूता है। इन क्षेत्रों में पर्यटन की सम्भावनाएं तलाश कर प्रदेश के आर्थिक विकास को सुदृढ़ करनें के प्रयास करें।
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सुशासन में नवाचार की भूमिका अहम
मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा ने कहा कि सुशासन नवाचारों की अहम भूमिका होती है। जिलों में जितने ज्यादा नवाचार होंगे प्रदेश उतना ही तेजी से प्रगति करेगा। उन्होंने अजमेर, भरतपुर और उदयपुर संभाग के जिलों में सुशासन हेतु नवाचारों के लिए अनुमोदित परियोजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि लगभग सभी जिलों में जिला कलेक्टर द्वारा नवाचार कर आमजन को लाभान्वित किया जा रहा है।
मुख्य सचिव ने अजमेर जिले द्वारा संचालित चुप्पी तोड़ो खुल कर बोलो, आवाज दो, वेस्ट टू बेस्ट जैसे नवाचारों को सराहा और उन्हें और प्रभावी बनाने के निर्देश दिए। इसी तरह नागौर में नशा मुक्त नागौर, टोंक जिले में बालिकाओं व परिवार जनों में आत्मविश्वास पैदा करने वाला प्रोजेक्ट वाणी, मिशन प्रेरणा, प्रोजेक्ट उन्नयन की भी सराहना की। उन्होंने करौली जिले द्वारा किए जा रहे बढ़ते कदम, आंचल अभियान और उदयपुर द्वारा मिशन कोटडा नवाचार की भी प्रशंसा की। इस अवसर पर सवाई माधोपुर, करौली सहित अन्य जिलों द्वारा किए जा रहे नवाचारों की समीक्षा की और आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए।
बैठक में नगरीय विकास एवं आवासन विभाग के प्रमुख शासन सचिव कुन्जी लाल मीणा ने प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत आयोजित होने वाले शिविरों के दिशा-निर्देशों के संबंध में प्रस्तुतिकरण दिया। पर्यटन विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रीमती गायत्री राठौड़ ने पर्यटन के नए क्षेत्रों व संभावनाओं से संबंधित प्रस्तुतिकरण दिया।
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इस दौरान आयोजना विभाग के शासन सचिव भवानी सिंह देथा, स्वायत्त शासन विभाग के शासन सचिव डॉ. जोगाराम सहित, निदेशक प्रोग्राम मॉनिटरिंग डॉ. नीतीश शर्मा व अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे, जबकि प्रदेश के सभी सम्भागीय आयुक्त व जिला कलेक्टर्स वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से जुड़े रहे।