ज्ञानशाला दिवस का आयोजन
राजसमन्द@राजसमन्द टाइम्स। भिक्षु विहार, केलवा में युगप्रधान आचार्य महाश्रमण के आज्ञानुवर्ती शासन श्री मुनि रविंद्र कुमार एवं मुनि अतुल कुमार के सानिध्य में ज्ञानशाला दिवस समारोह का सफल आयोजन हुआ।
मुनि अतुल कुमार ने बालक-बालिकाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि दुनिया जीत कर थोड़े ही जीती जाती है। परमात्मा को जो जीत लेता है, वह दुनिया को जीत लेता है। दुनिया को जीतने के दो ढंग हैं, एक सिकंदर का ढंग है और एक महावीर का। सिकंदर दुनिया जीतने चलता है और हारा हुआ मरता है, खाली हाथ जाता है और महावीर दुनिया नहीं जीतते, अपने भीतर विराजमान परम सत्य को जीतते हैं। और उसको जीतते ही सारी दुनिया जीत ली जाती है।सारी दुनिया का चक्कर लगाओ तो बड़ी लंबी यात्रा है, शायद पूरी हो भी न। किसकी हो पाई है ? महत्वाकांक्षी की यात्रा हमेशा अधूरी रह जाती है। वासना की दौड़ कभी पूरी न हुई है,न होगी। वासना दुष्पूर है। लेकिन जो स्वयं को पा लेता है, जो परमात्मा को पा लेता है उसने सब पा लिया। उसे पाने को क्या रहा ? मालिक को पा लिया,तो उसकी सारी मालकियत अपनी हो गई। सत्य से बड़ा तो ईश्वर भी नहीं होता है। हर हालत में जीतने का जज्बा है तो कुछ अच्छे विचार अपनाओ। एक समय में एक काम करो, और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमें डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ। मेहनत करने से दरिद्रता नहीं रहती, धर्म करने से पाप नहीं रहता, मौन रहने से कलह नहीं होता। एक सफल व्यक्ति बनने की कोशिश मत करो बल्कि सफल आदतों पर चलने वाले व्यक्ति बनों। मुनि रविंद्र कुमार ने मंगल पाठ सुनाया। मंगलाचरण सभी प्रशिक्षकाओं ने ज्ञानशाला गीत से किया। स्वागत भाषण सह-संयोजिका सविता बोहरा ने दिया। भूतपूर्व मेवाड़ आंचलिक संयोजक देवीलाल कोठारी ने विचार रखे। “कैसे मनाएं जैन संस्कार विधि से जन्मदिन”कार्यक्रम चैत्रावी कोठारी ने प्रस्तुत किया। “मंगल भावना कार्यक्रम” कुसुम सांखला, सरिता कोठारी, कोमल कोठारी एवं नीरू कोठारी ने करवाया। “एक्शन सॉन्ग” विमला चपलोत, रेखा कोठारी एवं नीलू कोठारी ने करवाया। “ज्ञानशाला एक प्रारूप नाटिका” भावना बोहरा एवं रत्न कोठारी ने करवाया। “पुरस्कार वितरण समारोह” हेमलता कोठारी ने संभाला। स्वीटी कोठारी ने आभार ज्ञापित किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन संयोजिका मीना चपलोत ने किया। समारोह में काफी अच्छी संख्या में लोग उपस्थित रहे।