नाथद्वारा@राजसमन्द टाइम्स । जीते जी रक्तदान व मरणोपरांत नेत्रदान सच्ची मानव सेवा है । नाथद्वारा निवासी सेवा भावी शांतिलाल सुराणा के आकस्मिक देहावसान हो जाने पर उनके पुत्र राजकुमार व परिवार के संपत लाल, दिनेश चंद्र, रवींद्र, लोकेश, सुनील, प्रवीण, अरविंद, रौनक और समस्त सुराणा परिवार के द्वारा नेत्र दान कराया गया । परिवार के मन में दो अंध आंखो को नई रोशनी मिले इस नेक उद्देश्य से नेत्रदान कराए गए ।
इस पुनीत कार्य हेतु सुराणा परिवार द्वारा लायंस क्लब वल्लभा श्री नाथद्वारा के अध्यक्ष डॉ बी एल जाट व क्लब के सदस्य कोमल पालीवाल से संपर्क करने पर डॉ जाट के द्वारा आर एन टी मेडिकल कॉलेज की टीम को नाथद्वारा अविलंब ही बुलाकर नेत्रदान की प्रकिया को पूर्ण कराया गया ।
विदित रहे कि स्वर्गीय श्री शांतिलाल सुराणा अपने जीवनकाल में सेवा कार्य में अग्रणीय व हँसमुख स्वभाव के धनी व मिलनसार व्यक्ति थे ।
नेत्रदान की प्रक्रिया को पूर्ण करने आए आर एन टी मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ मुकेश भदाला द्वारा बताया गया कि नेत्रदान की प्रक्रिया जल्द पूर्ण हो जाती है तथा नेत्रदान से दो को रोशनी मिलती है । जरूरत जागरूकता की है इसके लिए मृत्यु के 6 घंटे के अंदर नेत्रदान हो जाने पर जरूरतमंद को लाभ मिलता है ।
डॉ जाट ने बताया की अंधविश्वास के कारण लोग आगे नहीं आते जबकि यह सच्ची सेवा है जिस प्रकार रक्तदान के लिए अब लोग आगे आने लगे है उससे कई को जीवनदान रोज मिल रहा है उसी प्रकार नेत्रदान होने पर कई जो नेत्रहीन रह जीवन यापन कर रहे है उन्हे नया जीवन मिल सकता है ।
इस दौरान समाज के वरिष्ठ, जनप्रतिनिधि, लायंस क्लब के सौरभ लोढ़ा व जैन समाज के विभिन्न संगठन के पदाधिकारी व सामाजिक संगठन के साथी उपस्थित रहे। नेत्रदान के पश्चात राजकुमार सुराणा को प्रमाण पत्र दिया गया ।