राजसमंद। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से बाल विवाह के रोकथाम को लेकर जिले में चलाए जा रहे बाल विवाह निषेध अभियान ‘बाल विवाह को कहे ना’ के तहत शुक्रवार को प्राधिकरण सचिव मनीष कुमार वैष्णव की अध्यक्षता में ऑन लाइन विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। प्राधिकरण सचिव वैष्णव ने बताया कि बाल विवाह एक सामाजिक कुरीति है जिसका मुख्य कारण अशिक्षा है। जिसके लिए उन्मूलन के लिए शिक्षा एवं जागरुकता की जरूरत है। बाल विवाह रोकथाम के लिए बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 बनाया गया है। इसके तहत 21 वर्ष से कम युवक व 18 वर्ष से कम की युवतियों का विवाह करवाना बाल विवाह की श्रेणी में आता है, जो एक कानूनी अपराध है। शिविर में खमनोर विकास अधिकारी नीता पारीक, देलवाड़ा बीडीओ सविता ने बाल विवाह रुकवाने के लिए हर संभव कार्यवाही करने को आश्वस्त किया।