केंद्र व राज्य के बीच फसे विकास कार्यों पर किया केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षित
संसद के शून्यकाल में उठाया मुद्दा
राजसमन्द। सांसद दीयाकुमारी ने मानसून सत्र के दौरान केंद्र व राज्य सरकार के बीच फसे विकास कार्यों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि जब संसद सदस्य केन्द्र सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं से सम्बंधित विकास कार्य अपने संसदीय क्षेत्र में करवाने या ऐसी योजनाओं के लिए फंड जारी करवाने के लिए केंद्रीय मंत्रालयों को पत्र लिखते हैं तो जवाबी पत्र में मंत्रालयों द्वारा अधिकतर विकास कार्यों के लिए राज्य सरकार से प्रस्ताव भिजवाने का सुझाव दिया जाता है। ऐसी स्थिति में ऐसे विकास कार्य अधर झूल में रह जाते हैं जहां केंद्र से भिन्न अन्य दलों की सरकार हैं।
शून्यकाल में बोलते हुए सांसद दीयाकुमारी ने कहा कि कुछ राज्यों में जहां केन्द्र और राज्य की सरकार एक ही दल की नहीं है वहां ऐसे विकास कार्यों के लिए राज्य सरकार से प्रस्ताव भिजवाना कठिन हो जाता है। ऐसी स्थिति से निपटने के लिए उचित प्रावधान किए जाएं।
आसन के माध्यम से सरकार से मांग करते हुए सांसद ने कहा कि किसी कार्य के लिए संसद सदस्य राज्य सरकार के किसी विभाग को पत्र लिखता है तो विभाग को उस पत्र पर प्राथमिकता के आधार पर कार्रवाई करते हुए पत्र को भी संलग्न कर केन्द्र सरकार को भेजना चाहिए।