रुस – यूक्रेन युद्ध

आज यूक्रेन पर रुस के हमले के 11वें दिन विश्व के अधिकांश देश रुस पर पाबंदियों के साथ रुस को के राष्ट्रपति पुतिन को तानाशाह बता आलोचना कर रहे है लेकिन किसी भी देश ने यह नही बताया कि पुतिन ने ऐसा कदम क्यों उठाया?इस पर सभी मौन है और यूक्रेन के प्रति सहानुभूति रख रहे है।क्या यूक्रेन सहानुभूति रखने लायक है।

एक भारतीय होने के नाते हमें यूक्रेन के लिए सहानुभूति या दया करना किसी भी प्रकार से उचित नही होगा।रुस के राष्ट्रपति पुतिन जो अपने देश की सुरक्षा के आज पूरे विश्व में आलोचना व पाबंदिया झेल रहे है फिर भी अपने निर्णय पर अडिग है इससे साफ है कि विश्व की महाशक्ति रुस केवल किसी पर कब्जे के लिए ऐसा नही कर रहा है उसके पीछे की कहानी और कुछ बता रही है जिसे आज अमेरिका की पिछलग्गू मिडिया सामने नही आने दे रही है।हकीकत तो यह है कि अमेरिका जो पूरे विश्व में अपनी हेकड़ी जमाने के लिए छोटे छोटे देशो को पैसो के दम पर बडे बडे सपने दिखा रहा है और उनसे झूठे वादे कर गुमराह कर रहा है उसी का नतीजा है आज यूक्रेन समाप्ति की ओर बढ़ गया है।

यह पुतिन की गम्भीरता का नतीजा है कि यूक्रेन जैसा छुट्टभैया 11दिन तक रुसी सेना के सामने खडा है यदि पुतिन वाकई तानाशाह होते तो यूक्रेन का हाल हिरोशीमा नागासाकी जैसा एक दिन में ही हो सकता था लेकिन पुतिन केवल यही चाहते है रुस का पडौसी यूक्रेन अमेरिका व यूरोपियन यूनियन के उकसावे पर नाटो के साथ ना जावे और परमाणु बम ना बनावे।पुतिन ने साफ कहा है कि रुस यूक्रेन पर कब्जा कर नही करना चाहता है और ना ही यूक्रेन की सत्ता का रिमोट अपने हाथों में लेना चाहता है।क्या एक मजबूत देश अपने पडौस में अपने दुश्मनों के दोस्त देश को अपने खिलाफ खडे होने देकर अपने देश व आमजन की सुरक्षा पर आंख बंद कर देखता रहे,नही।अमेरिका और नाटो यूक्रेन को रुस के खिलाफ अपनी जमीन मजबूत करना चाहते है और यूक्रेन को परमाणु शक्ति बनाना चाहते है जो रुस के अस्तित्व के लिए बहुत बडा खतरानाक हो सकता है इसलिए आज पुतिन अपने राष्ट्र की सुरक्षा के लिए सब सहन कर रहे है।

पुतिन एक सैनिक है जो अपने राष्ट्र के लिए शहीद होना स्वीकार करेगे लेकिन राष्ट्र की सुरक्षा से समझौता नही करेगे।एक राष्ट्रवादी को राष्ट्र की सुरक्षा से समझौता नही करना चाहिए।

भारत भी आजादी के बाद पाकिस्तान के साथ ऐसा ही कुछ करता तो आज पाकिस्तान भी अमेरिका की शह पर परमाणु बम नही बनाता और भारत जैसे शक्तिशाली देश में आतंकी हमले नही होते भारत ने भूतकाल में जो गलती की वैसी गलती आज रुस यूक्रेन के साथ नही कर रहा है जो सही कदम है।अमेरिका की वजह से पाकिस्तान ने परमाणु संयंत्र बना लिया जो भारत के लिए सदैव खतरनाक है।अमेरिका व नाटो की वजह से यूक्रेन के राष्ट्रपति इस गलतफहमी में आ गए थे कि रुस से पंगा लेने पर अमेरिका व नाटो रुस को मारने आ जायेगे राष्ट्रपति ज्वेलैंस्की अमेरिका के दोगलापन में फंस गए। अमेरिका व नाटो ने यूक्रेन के पक्ष से रुस के खिलाफ युद्ध करने से मना कर यूक्रेन जैसे खूबसूरत देश को तहस नहस करवाकर खंडहर में बदल दिया है।

आज यूक्रेन ना घर का रहा ना घाट का।

 

(स्वतंत्र लेखक)