खमनोर। खमनोर थाना पुलिस ने रावों की गुडली निवासी नमकीन व्यापारी भूर सिंह की हत्या के मामले में उसके पुत्र व दो साथियों को गिरफ्तार कर प्रकरण का खुलासा किया है।
पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार रावों की गुडली निवासी राजू सिंह पिता भूर सिंह डुलावत ने 15 मई को थाने में रिपोर्ट पेश कर बताया कि 14 मई की रात को वह और उसके परिवार वाले घर में ही थे। देर रात्रि करीब 8:00 बजे गोपाल सिंह राजपूत व जेठू सिंह चारण दोनों उसके पिताजी के बुलाने पर उनके घर पर आए थे व साथ बैठकर में शराब पी थी । करीब 9:00 बजे गोपाल सिंह व जेठू सिंह दोनों अपने घर चले गए थे और करीब 10:00 बजे उसके पिताजी खाना खाकर मकान के बाहर चौक में चारपाई पर सो गए थे। दिनांक 15 मई को सुबह करीब 6:00 बजे राजू सिंह की पत्नी दुर्गा कुंवर उठी तो मकान के मेन गेट बाहर से बंद थे । उसकी पत्नी ने छत से बाहर जाकर मेन गेट का दरवाजा खोला और आवाज देकर उसे बुलाया जिस पर वह उसकी मां मीरा देवी मकान के बाहर आए तो देखा कि उसके पिताजी भूर सिंह की चारपाई पर लाश पड़ी हुई थी और उनके गले,नाक व मुंह पर चोट के निशान थे । उनके गले में पहनी सोने की चेन, सोने का ब्रेसलेट व हाथ में पहनी अंगूठियां भी नहीं थी । सभी रोने लगे तो आस पड़ोसी घर पर आए और उसके पिताजी की लाश को घर में लेकर आए। मेरे पिताजी की अज्ञात लोगों ने रात को हत्या कर उनकी पहनी हुई चैन, ब्रेसलेट, अंगूठियां एवं नकद रुपए छीनकर ले गए। जिस पर पुलिस द्वारा प्रकरण दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया गया।
जिला पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शिव लाल बेरवा के निर्देशन में छगन पुरोहित पुलिस उप निरीक्षक वृत नाथद्वारा के नेतृत्व एवं विशेष सुपरविजन में घटना की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए प्रकरण का शीघ्र खुलासा करने हेतु थाना अधिकारी डॉ नवल किशोर चौधरी के नेतृत्व में अलग-अलग टीमों का गठन कर वैज्ञानिक तकनीकी व भौतिक साक्ष्यों का संकलन किया जा कर संदिग्ध व्यक्तियों को थाने में लाकर पूछताछ की गई । करीब 50 लोगों व बदमाश प्रवृत्ति के सक्रिय अपराधियों से पूछताछ की गई । पुलिस पूछताछ के दौरान मृतक के बड़े पुत्र राजू सिंह ने काबुल करते बताया कि उसकी और उसके पिता के बीच में आपस में अनबन रहती थी तथा दुकान पर काम करने के दौरान उसकी उसके पिता के साथ छोटी मोटी बातों पर आए दिन कहासुनी होती रहती थी। जिस पर राजू सिंह ने वर्ष 2016 में अपने पिता से अलग रहना शुरू कर दिया। वह पत्नि व दोनों बच्चों के साथ बापूनगर अहमदाबाद किराए के मकान में रहने लग गया। उसके पिता की दुकान की बजाए भेरुनाथ नमकीन की दुकान पर करीब 2 साल नौकरी की, जिस पर उसके पिता सेठ के पास आए और बोले कि राजू सिंह बदमाश लड़का है जिस पर उसे सेठ द्वारा नौकरी से निकाल दिया गया । उसके बाद राजू सिंह ने किराए की नमकीन की दुकान की जो भी उसके पिता द्वारा झगड़ा करके दुकान खाली करवा दी गई । तब से वह ड्राइविंग कर रहा है उसकी भुआ के लड़के अभय सिंह के भंगार का व्यवसाय अहमदाबाद में ही है जिसकी वर्तमान में पिकअप चला रहा है । पिताजी से ज्यादा अनबन होने से पिताजी ने संपत्ति से बेदखल करने का भी करीब 5 साल पहले अखबार में इश्तिहार छपाया था। उसके बाद से ही राजू सिंह और उसके पिता के बीच घृणा बढ़ गई और उसने मन ही मन पिता को सबक सिखाने व ठिकाने लगाने की विचार आने लगे। गांव में भी उसके पिता द्वारा दोनों बहनों की शादी कर देने के बाद संपत्ति बेच देने व राजू सिंह को कोई हिस्सा नहीं देने की बात कही गई। इस दौरान राजू सिंह की मुलाकात रणजीत सिंह चौहान निवासी यूपी हाल अहमदाबाद से हुई । रंजीत सिंह भी कोरोना के दौरान लोक डाउन होने से खराब आर्थिक स्थिति से गुजर रहा था उसने राजू सिंह से कुछ उधार रुपए मांगे तो राजू सिंह के मन में विचार आया क्यों ना इस मौके का फायदा उठाया जाए और उसने रंजीत को कहा कि तू मेरे पिताजी का मर्डर कर दे तो मैं तुझे अच्छा पैसे दे दूंगा और भाड़े की दुकान भी लगवा दूंगा। यह बात सुनकर एक बार तो रंजीत ने मना कर दिया, उसके बाद रंजीत की आर्थिक स्थिति और कमजोर होने से करीब महीने भर बाद रंजीत उसके पिता का मर्डर करने के लिए तैयार हो गया व राजू सिंह से 20 लाख रुपए की मांग की। जिस पर राजू सिंह ने 15 लाख रुपए काम करने के बाद देने को कहा तो रंजीत राजी हो गया। राजू सिंह द्वारा रंजीत को ₹44000 खर्च एडवांस खर्चा पानी के दे दिए गए । दीपावली के बाद 3 जनवरी 2022 को राजू सिंह रणजीत सिंह को मोटरसाइकिल पर बिठाकर अहमदाबाद से उसके घर लेकर आया तो नाथद्वारा हाईवे से कुंठवा रावों की गुठली की तरफ आने वाले समस्त रास्तों की भौगोलिक स्थिति समझाई तथा रेकी करवाई और उसके घर को चारों तरफ से दिखाया 10-15 मिनट रुकने के बाद सभी दोनों वापस अहमदाबाद चले गए।
आज से करीब तीन चार महीने पहले उसके पिता अकेले गांव में आए थे तब उसने रंजीत को कहा कि मेरे पिताजी गांव गए हुए हैं, अकेले हैं, तुम उनका काम निपटा दें। जिस पर रंजीत अपने दोस्त रामनिवास सोमवंशी को लेकर अहमदाबाद से उसके गांव के लिए निकला लेकिन उसका मन नहीं माना तो उसने रंजीत को फोन करके वापस अहमदाबाद बुला लिया। रंजीत सिंह ने उसके दोस्त रामनिवास सोमवंशी से उसकी मुलाकात करवाई थी, रंजीत ने कहा था कि हम दोनों मिलकर तुम्हारा काम कर देंगे । उस दौरान उसके पिताजी गांव में कहने लग गए दोनों लड़कियों की शादी होते ही मैं दुकान बेच दूंगा जिस पर पुनः उसके मन में पिता को निपटाने का विचार आया । राजू सिंह ने रंजीत को बताया कि 12 मई 2022 को उसकी बहनों की शादी है और शादी में वह घर जाएगा और मौका देखकर आप लोगों को बुला लेगा। राजू सिंह की दोनों बहिनों की शादी होने से दिनांक 28 अप्रैल को वह घर आ गया और दिनांक 15 मई को उसकी दोनों बहनों की शादी हो गई । उसके बाद पिताजी पुनः अहमदाबाद जाने वाले थे तो उसके मन में विचार आया कि अभी अच्छा मौका है, पिताजी जो घर के बाहर चौक में ही सोते हैं जिस पर उसने दिनांक 14 मई को सुबह ही रंजीत को फोन कर दिया कि आज शाम तक आ जाओ और रात को काम निपटा कर लौट जाना। रंजीत ने कहा कि मैं और मेरे दोस्त रामनिवास को लेकर दिन में निकल जाऊंगा और हम काम बजा देंगे । उसकी दिन में रंजीत से कई बार बात हुई । रंजीत दो तीन बजे के आसपास उसके दोस्त रामनिवास सोमवंशी के साथ मोटरसाइकिल पर निकल गया । शाम को उसके पिताजी उनके दोस्त गोपाल सिंह व जेठूसिंह के साथ बीयर पीने लग गए। रात करीब 9:00 बजे तक गोपाल सिंह व जेठूसिंह ने बीयर पी व उसके बाद चले गए। है उसके पिता भी खाना खाकर घर के बाहर ही चारपाई पर सो गए।
उसके बाद राजूसिंह ने मोबाईल पर रंजीत से बात की व बताया कि पिताजी ने शराब पी रखी है व घर के बाहर चौक में सो रहे हैं। 12:00 से 1:00 के बीच में काम निपटा देना, उसके बाद परिवार वाले सब लोग सो गए और राजू सिंह और उसकी पत्नी भी कमरे में सो गए । सुबह राजू सिंह की पत्नी जागी तो देखा कि मैनगेट बाहर से बंद था, जिस पर उसकी पत्नी छत से होकर दूसरे मकान की नाल से उतर कर बाहर चौक में पहुँची और देखा तो पिताजी के मुंह पर मक्खियां गिर रही थी। जिस पर उसकी पत्नी ने उसे व मां को बताया। जिस पर उसने जाकर देखा तो पिताजी मरे हुए थे । माँ रोने लगी तो आसपास के लोग आ गए व लोगों ने पुलिस को सूचना दी। उसके पिता ने उसे जमीन जायदाद से बेदखल कर रखा था । उसके व उसके पिताजी की आपस में कभी बनती नहीं थी । वह पिताजी से काफी परेशान था । उसने उसके पिताजी को निपटाने का काम उसके दोस्त रंजीत सिंह चौहान से 15 लाख रुपए में तय हुआ था और उसने उससे पूर्व में 44000 रुपए दे दिए थे । उसके कहने पर ही रंजीत सिंह ने उसके दोस्त रामनिवास सोमवंशी से मिलकर उसके पिताजी की हत्या की है। उनके पहने सोने की चैन मय लोकेट भी लेकर गए। प्रकरण के अनुसार अनुसंधान जारी है ।
गिरफ्तार अभियुक्त गण में राजू सिंह पिता भूर सिंह डुलावत जाति राजपूत उम्र 32 साल निवासी रावों की गुडली थाना खमनोर जिला राजसमंद, रणजीत सिंह पिता राजपाल सिंह चौहान जाति राजपूत उम्र 33 साल निवासी श्यामपुर थाना बेवर जिला मैनपुरी राज्य उत्तर प्रदेश हाल गणेश नगर हाईवे इमरोई वाड़ी थाना इमरोईवाड़ी अहमदाबाद व रामनिवास पिता वीरेंद्र सिंह सोमवंशी जाति राजपूत उम्र 49 साल निवासी रामपुर थाना राजेपुर जिला फर्रुखाबाद राज्य उत्तर प्रदेश हाल हीरा बाड़ी महावीर नगर अहमदाबाद को गिरफ्तार किया है।
अनुसंधानकर्ता टीम में डॉ नवल किशोर चौधरी उप निरीक्षक थानाधिकारी खमनोर ,शांतिलाल सहायक उपनिरीक्षक , हरि सिंह हेड कांस्टेबल, संदीप कुमार हेड कांस्टेबल, हीराराम हेड कांस्टेबल, दिनेश सिंह कांस्टेबल, उग्रसेन कांस्टेबल, बुधाराम कॉन्स्टेबल , नरेंद्र कुमार कांस्टेबल , नंदलाल कॉन्स्टेबल शामिल रहे ।