देशभक्ति का मतलब सिर्फ नारे लगाना नहीं बल्कि देश के प्रति अपने कर्तव्यों को निभाना भी है-मुनि अतुल

स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष में आयोजन

राजसमन्द@राजसमन्द टाइम्स। युग प्रधान आचार्य श्री महाश्रमण के आज्ञानुवर्ती शासन श्री मुनि रविंद्र कुमार एवं मुनि अतुल कुमार के सानिध्य में स्वतंत्रता दिवस पर भिक्षु विहार, केलवा में विशेष प्रवचन का आयोजन हुआ।

मुनि श्री अतुल कुमार ने अपने संबोधन में कहा हमारे प्यारे भारत देश के लिए 15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस बहुत महत्वपूर्ण दिन है। इसी दिन हमारे देश को अंग्रेजों की हुकूमत से आजादी मिली थी। लोग मोबाइल डीपी, फेसबुक प्रोफाइल और व्हाट्सएप स्टेटस पर इंडिपेंडेंस डे स्टेटस लगाते हैं और एक दूसरे के साथ खुशियां बांटते हैं। मोबाइल स्टेटस के साथ-साथ दिल में भी देश प्रेम की भावना रखें। देशभक्ति का मतलब सिर्फ नारे लगाना नहीं बल्कि देश के प्रति अपने कर्तव्यों को निभाना भी है।जिस देश में हमारा जन्म होता है, जिस देश का अन्न जल खा-पीकर हम बड़े होते हैं, उस देश से प्यार करना और उसकी स्वतंत्रता की रक्षा करना हमारा परम कर्तव्य है। इसी भावना के कारण हमारे देश के अनेक वीरों और क्रांतिकारियों ने अपने देश के हित और उसकी रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। जो देश हमें सम्मान के साथ जीने और सुख सुविधा के साथ रहने का अधिकार देता है उसकी हर तरह से हमें रक्षा करनी चाहिए। समाज विरोधी तत्व देश में अव्यवस्था फैलाने का काम कर रहे हैं। धर्म के नाम पर जगह-जगह दंगा फसाद होते हैं। आतंकवाद से सारा देश त्रस्त है, भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है, मोर्चा-आंदोलनों में राष्ट्र की संपत्ति बर्बाद की जाती है। इन सब के प्रति हमारा भी कुछ कर्तव्य है। लोगों में देश-प्रेम की भावना जगानी नहीं चाहिए। देशभक्ति की भावना लोगों को एक दूसरे के करीब लाती है। इन दिनों युवा पीढ़ी में ये भावना बहुत कम देखने को मिलती है। आजकल लोग अपने जीवन में ही उलझे रहते हैं। कुछ व्यक्ति अपने देश के लिए अपने हितों का त्याग करने के लिए भी तैयार रहते हैं। मुनि श्री रविंद्र कुमार ने मंगल पाठ सुनाया। प्रवचन में काफी अच्छी संख्या में लोग उपस्थित रहे।