राजसमंद। सर्मथ्यम एवं मंजरी फाउण्डेशन के संयुक्त तत्वावधान में विकलांग महिलाओं एवं पुरूष के सशक्तिकरण और उन्हें मुख्य धारा में जोड़ने हेतु 2 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया ।
कार्यशाला में मुख्य अतिथि, जिला परियोजना अधिकारी – राजीविका के नरपतसिंह जेथावत ने अपने सम्बोधन में राजीविका द्वारा नि:शक्तजनों हेतु चलाये जा रहें स्वयं सहायता समूहों के बारे में जानकारी प्रदान की , उन्होने बताया कि कुल 1665 दिव्यांग व्यक्तियों के समूह बना रखें है, इन सब को राज्य सरकार एवं भारत सरकार द्वारा दी जाने वाली समस्त सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए इनका सामाजिक, आर्थिक सशक्तिकरण कर इन्हें समाज की मुख्य धारा में जोड़ा जा रहा है ।
सर्मथ्य एवं मंजरी फाउण्डेशन, आपणो संस्थान से उदयपुर, जयपुर, बीकानेर, चित्तोड़गढ, डूंगरपूर, व सिरोही से 43 दिव्यांग महिला एवं पुरुषों ने इस कार्यशाला में भाग लिया जिसका मुख्य उद्देश्य वैश्विक महामारी कोविड-19 के अन्तर्गत विकलांग व्यक्तियों की स्थिति को सरकारी अधिकारियों एवं समाज के प्रतिष्ठित वर्ग द्वारा विकलांग व्यक्तियों के प्रति बेहतर तरीके से समझने एवं उनके प्रति जागरूकता, कानून,नीतियों, कार्यक्रमों एवं अभियानों में उनकी रक्षा एवं सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान आकर्षित किया जा सकें । जब तक विकलांग व्यक्तियों को संस्थागत, सामुदायिक संरचनाओं, प्रक्रियाओं और तन्त्रों की मुख्यधारा में सम्मिलित नहीं किया जायेगा तो वे इससे वंचित रह पायेगें । इस अवसर पर डॉ अंजली अग्रवाल ने कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य अनौपचारिक एवं औपचारिक स्वयं सहायता समूहों, और विकलांग व्यक्तियों के संगठन, नेटवर्किग के माध्यम से महिलाओं को आर्थिक सशक्तिकरण को स्थायी समाधान प्रदान करना, उनके जीवन स्थर में सुधार लाना ही मुख्य ध्येय पर चर्चा कर उपस्थित महिलाओं को जानकारी प्रदान की ।
मंजरी फाउंडेशन से प्रोग्राम निदेशक नरेश नैन ने बताया कि मंजरी राजस्थान में हिन्दुस्तान जिंक के सहयोग से 6 जिलों में कार्य कर रहीं है । उदयपुर, भीलवाड़ा, राजसमन्द, चित्तोड़गढ, अजमेर जिसमें करीब 27000 हजार से अधिक महिलाऐं स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हुई और हमारे सभी जगह फेडरेशन बने हुए है जिसमें इन्ही समूहों द्वारा निर्वाचित महिलाऐं ही उनका संचालन कर रहीं है, इस कार्यशाला के उपरान्त इन जिलों में हमारे समूहों में विकलांग महिलाओं को समूहों व मुख्य धारा से जोड़ा ।
इस अवसर पर सर्मथ्यम की कार्यकारी निदेशक, नई दिल्ली से डॉ अंजली अग्रवाल, मंजरी फाउण्डेशन के प्रोग्राम अधिकारी नरेश नैन, टीम लीड पब्लिक रिलेशन – एसएन टेलर , मंजरी फाण्डेशन जावर व चित्तोड़गढ की महिला सदस्य उपस्थित थे ।