नाथद्वारा। भारत निर्वाचन आयोग के कार्यक्रमानुसार दिनांक 01 जनवरी 2021 के संदर्भ में मतदाता सूचियों का संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम के तहत दिनांक 01 नवम्बर से पात्र मतदाताओं के नाम मतदाता सूचियों में जोडने एवं मृत एवं स्थानान्तरित मतदाताओं के नाम मतदाता सूचियों से हटाये कार्यक्रम संचालित है।
आयोग के निर्देशानुसार 18-19 आयुवर्ग के सभी मतदाताओं को चिन्हित कर उनके नाम प्राथमिकता से मतदाता सूचियों में जोड़ने हेतु सभी बी.एल.ओ. को अभियान के प्रारम्भ में ही उनके भाग के लिये टारगेट दिये गये है। इसी प्रकार जिन मतदाताओं की मृत्यु हो चुकी है उनके शत प्रतिशत नामों का चिन्हिकरण कर नाम मतदाता सूचियों से हटाने हेतु भी आवेदन पत्र तैयार करने के निर्देश दिये गये । अभियान के दौरान लक्ष्य प्राप्ति के लिये सभी बी.एल.ओ को घर-घर सर्वे करने के निर्देश भी दिये गये थे।
उपखण्ड अधिकारी, नाथद्वारा अभिषेक गोयल ने बताया कि पुनरीक्षण अभियान की दिनांक 02 दिसम्बर, 2021 तक की प्रगति की समीक्षा करने पर जानकारी में आया कि विधानसभा क्षेत्र के 241 भागों में से 42 भागों के बी.एल.ओ. ऐसे है जिन्होने लक्ष्य से बहुत ही कम आवेदन पत्र ऑनलाईन किये है। इनमे से 3 भागों में शुन्य, 4 में एक-एक, कुछ मतदान केन्द्रों केवल नाम मात्र के आवेदन पत्र ही नाम जोड़ने हेतु बी.एल.ओ. द्वारा गुरूड़ा ऐप से ऑनलाईन किये गये है।
इसी क्रम में मृतक मतदताओं के नाम मतदाता सूची से हटाने हेतु बी.एल.ओ. ने बहुत ही अल्प संख्या में आवेदन पत्र प्राप्त किये । इनमे से 27 भागों के बी.एल.ओ. ने एक भी मृतक मतदाता का नाम मतदाता सूची से हटाने हेतु आवेदन पत्र ऑनलाईन नहीं किया।
मतदाता सूचियो के संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्य के प्रति गम्भीर नहीं होकर लक्ष्य अनुरूप कार्य सम्पादित करने में लापरवाही बरतने वाले बयालिस बी.एल.ओ. को कारण बताओं नाटिस जारी कर तीन दिवस में स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिये है। इसके साथ-साथ सभी बी.एल.ओ. को चेतावनी भी दी गई कि निर्वाचन विभाग के निर्देशानुसार अभियान की अंतिम तिथि दिनांक 10 दिसम्बर तक निर्धारित लक्ष्य के अनुसार 18-19 आयुवर्ग के मतदाताओं नाम जोड़ने हेतु तथा जिन मतदाताओं की मृत्यु हो चुकी है उनके नाम मतदता सूची से पटाने हेतु निर्धारित आवेदन पत्र गुरूड़ा ऐप से ऑलाईन कर देवे। चेतावनी के बाद भी लापरवाही बरतने वाले कार्मिकों के विरूद्ध लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 13 ग(ग) एवं धारा 32 तथा सी.सी.ए. रूल्स 1951 के नियम 17 के तहत आवश्यक अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु निवार्चन आयोग को कार्यवाही प्रस्तावित की दी जावेगी।