नाथद्वारा@RajsamandTimes। अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जिला एवं सेशन न्यायाधीश राजसमन्द के निर्देशानुसार आगामी दिनांक 13 मई 2023 (द्वितीय शनिवार) को नाथद्वारा मुख्यालय पर राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। उक्त राष्ट्रीय लोक अदालत में शमनीय दाण्डिक अपराध, अन्तर्गत धारा 138 परकाम्य विलेख अधिनियम, धन वसुली के प्रकरण, पारिवारिक विवाद ( तलाक को छोड़कर), एम.ए.सी. टी. प्रकरण, श्रम एवं नियोजन संबंधित विवाद अन्य सिविल मामलें (जिनमें ओ.डी. आर. से निस्तारण संभव हो) आदि से संबंधित प्रकरणों का निस्तारण राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से किया जायेगा ।
उक्त राष्ट्रीय लोक अदालत के सफल आयोजन हेतु अध्यक्ष तालुका विधिक सेवा समिति, अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश नाथद्वारा लक्ष्मीकांत वैष्णव की अध्यक्षता में बार एसोसिएशन नाथद्वारा के अधिवक्तागण के साथ एक मिटिंग का आयोजन किया गया। उक्त मिटिंग में अध्यक्ष के अलावा वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश एवं अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, नाथद्वारा प्रेमप्रकाश जीनगर, सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट नाथद्वारा परिणय जोशी, अध्यक्ष बार एसोसिएशन नाथद्वारा लोकेश माली, अधिवक्तागण गिरीश तिवारी, अशोक सनाढ्य, ईश्वरसिंह सामोता, विश्वजीत सिंह कर्णावट, पंकज गुर्जर, चन्द्रशेखर वर्मा, हर्षवर्धन माली, भुपेन्द्र गौरवा सहित अन्य अधिवक्तागण उपस्थित रहे।
अध्यक्ष तालुका विधिक सेवा समिति, अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश नाथद्वारा लक्ष्मीकांत वैष्णव ने बताया कि आगामी 13 मई 2023 को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। उक्त राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिक से अधिक प्रकरण रखवाये जाये एवं प्रकरणों को राजीनामें के माध्यम से निस्तारित करवाने का प्रयास किया जाए। साथ ही अधिवक्तागण अपने अपने प्रकरण जिनमें राजीनामा होने की संभावना है उन प्रकरणों को लोक अदालत से पूर्व ही प्री- लाउंसलिंग हेतु रखवाये जिससे लोक अदालत से पूर्व ही प्रकरणों का राजीनामें से निस्तारण किया जा सके।
इस अवसर पर वरिष्ट सिविल न्यायाधीश एवं अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, नाथद्वारा प्रेमप्रकाश जीनगर ने बताया कि 138 एन. आई. एक्ट, घरेलू हिंसा आदि प्रकरणों के पक्षकारान् से सम्पर्क किया जाकर एवं न्यायालय के माध्यम से नोटिस जारी किये जाकर इन प्रकरणों को अधिक से अधिक संख्या में निस्तारित करवाये जाने का प्रयास किया जावें ।
इस अवसर पर सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट नाथद्वारा परिणय जोशी ने बताया कि अधिवक्तागण पक्षकारान् एवं न्यायालय के बीच की एक महत्वपूर्ण कड़ी है। अधिवक्तागण के सहयोग से ही अधिक से अधिक प्रकरणों को राजीनामे के माध्यम से निस्तारित किया जा सकता है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य यही है कि जो प्रकरण राजीनामे के माध्यम से निस्तारित हो सके उसे न्यायालय की जटिल प्रक्रियाओं से निकाल कर प्रकरण का निस्तारण कर पक्षकारान को सुलभ एवं सुगम न्यायालय दिलाया जा सके।
इसके साथ ही अध्यक्ष ने आमजन से भी अपील की है कि पक्षकारान् संबंधित न्यायालय में अपने प्रकरण को राष्ट्रीय लोक अदालत में रखने का अनुरोध कर सकते है एवं वे न्यायालय में लम्बित उक्त प्रकृति के प्रकरणों को राष्ट्रीय लोक अदालत में रखवाकर राजीनामा के माध्यम से इनका शीघ्र निस्तारण करवा सकते है जिससे समय व धन की बचत होगी तथा प्रकरणों का अंतिम रूप से निस्तारण हो सकेगा।