जयपुर। पर्यटन मंत्री श्री विश्वेन्द्र सिंह ने सोमवार को विधानसभा में आश्वस्त किया कि महाराणा प्रताप से जुडे ऎतिहासिक स्थलों का रख-रखाव मेवाड़ कॉम्पलेक्स परियोजना के तहत संबंधित उपखण्ड अधिकारी की समिति के माध्यम से कराने के प्रयास किये जायेंगे।
श्री सिंह प्रश्नकाल में विधायकों की ओर से पूछे गये पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि पूर्व में स्थलों का रख-रखाव स्थानीय समितियों के माध्यम से करने के प्रयास किये गये थे लेकिन वह प्रयास सफल नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि महाराणा प्रताप की जयन्ती के अवसर पर आयोजित होने वाले मेलोें एवं कार्यक्रमों का आयोजन राज्य सरकार अपने स्तर पर करे, लेकिन ये स्थल राष्ट्रीय स्मारक होने के करण इसके लिए वित्तीय संसाधन भारत सरकार सेे बजट मिलने पर निर्भर है। उन्होंने प्रतिपक्ष के सदस्यों से आग्रह किया कि वे भारत सरकार से इस संबंध में वित्तीय संसाधन बढवाने का प्रयास करे।
उन्होंने आश्वस्त किया कि मेवाड़ कॉम्पलेक्स के अन्तर्गत आने वाले स्थलों का वित्तीय संसाधन उपलब्ध होने पर निश्चित रूप से विकास कराया जायेगा। महाराणा प्रताप की जयन्ती के अवसर आयोजित कार्यक्रमों के अवसर पर लिए जाने वाले किराये की छूट के लिए उन्होंने पुरात्तव विभाग को पत्र लिखने का आश्वासन दिया।
इससे पहले विधायक श्रीमती किरण माहेश्वरी के मूल प्रश्न के जवाब में पर्यटन मंत्री ने बताया कि महाराणा प्रताप से जुड़े ऎतिहासिक स्थलों के विकास एवं संरक्षण के साथ-साथ महाराणा प्रताप के शौर्य एवं पराक्रम से आमजन को अवगत कराने के उद्देश्य से मेवाड़ कॉम्पलेक्स परियोजना पर कार्य किया गया। उन्होंने बताया कि मेवाड़ कॉम्पलेक्स के तहत हल्दीघाटी, गोगुन्दा, चावण्ड, दिवेर एवं छापली पर विकास एवं संरक्षण कार्य करवाये गये। इन कार्यो पर रुपये 1706.45 लाख की राशि व्यय की गई।
उन्होंने मेवाड़ कॉम्पलेक्स के तहत वर्ष 2009 ये 2018-19 तक किये गये स्थलवार व्यय का विवरण सदन के पटल पर रखा। उन्होंने बताया कि पर्यटन विभाग द्वारा मेवाड़ कॉम्पलेक्स के तहत विकसित किये गये स्थलों पर पर्यटकों के आगमन संख्यांक सूचना संकलित नहीं की जाती है।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि पर्यटकों की संख्या में वृद्धि के लिए विभाग द्वारा मेले एवं त्योहारों का आयोजन, राष्ट्रीय एवं अन्तर्राराष्ट्रीय स्तर पर मीडिया के विभिन्न माध्यमों यथा प्रिन्ट, इलेक्ट्रोनिक व डिजीटल मीडिया में विज्ञापन जारी कर तथा वेबसाईट व सोशल मीडिया के माध्यम से पर्यटन स्थलों का प्रचार-प्रसार किया जाता है। इन प्रयासों से मेवाड़ कॉम्पलेक्स परियोजना क्षेत्र के पर्यटन स्थलों व मेले त्योहारों का भी प्रचार-प्रसार किया गया है।