जयपुर। चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया ने कहा है कि कोरोना के बढ़ते मामलों के बावजूद राज्य के अस्पतालों में ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति और अतिरिक्त बेड्स की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना की इस दूसरी लहर में रेमेडीसीवर इंजेक्शन की मांग एकाएक बढ़ गई है लेकिन इसकी आपूर्ति में सुधार किया जा रहा है। आपात व्यवस्था के तहत गुरुवार को रेमेडीसीवर के 10 हजार इंजेक्शन तुरंत प्रभाव से जिला अस्पतालों को भेजे गए हैं। उन्होंने शीघ्र ही मांगानुसार इसकी उपलब्धता की उम्मीद भी जताई।
गालरिया गुरुवार को गोविंद मार्ग स्थित चिकित्सा शिक्षा भवन में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राज्य के सभी चिकित्सा महाविद्यालयों के प्राचार्यों के साथ बैठक कर रहे थे। लगभग 3 घंटे तक चली इस वीसी में उन्होंने कोविड 2.0 की स्थिति के संदर्भ में आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने टेस्ट क्षमता बढ़ाने, अस्पतालों में आधारभूत संरचना में स्थितिनुसार सुधार करने और कर्मचारियों समेत किसी भी तरह की कमी को तुरंत दूर करने के निर्देश दिए।
“वास्तविक जरूरतमंद को पहले लगाया जाए रेमेडीसीवर इंजेक्शन”
चिकित्सा शिक्षा सचिव ने कहा कि रेमेडीसीवर इंजेक्शन का निर्यात बंद होने से अगले कुछ दिन में इसकी आपूर्ति बढ़ जाएगी। लेकिन इस इंजेक्शन की महत्ता देखते हुए इसे पहले जरूरतमंद को ही लगाया जाए। उन्होंने कहा कि रेमेडीसीवर इंजेक्शन लगाने के मामलों की तर्कसंगत समीक्षा की जाए।
ऑक्सीजन की पर्याप्तता और कोविड टेस्ट बढ़ाने के निर्देश
चिकित्सा शिक्षा सचिव ने सभी चिकित्सा महाविद्यालयों से संबद्ध अस्पतालों में ऑक्सीजन की वर्तमान उपलब्ध मात्रा और आगामी समय में मांग में बढ़ोत्तरी होने पर आपूर्ति श्रृंखला को सुनिश्चित करने पर भी चर्चा की।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार कोविड टेस्ट्स की संख्या ज्यादा से ज्यादा बढ़ाई जाए। इसके लिए 44 नई आरटीपीसीआर मशीनें और 28 नई आरएनए एक्सट्रैक्शन मशीनें उपलब्ध कराई गई हैं। अब जयपुर में 10 हजार, जोधपुर में 7 हजार और बाकी जिला अस्पतालों में 2-2 हजार टेस्ट प्रतिदिन करने का लक्ष्य रखा गया है।
जयपुरिया अस्पताल को डेडीकेटेड कोविड अस्पताल बनाया जाएगा
चिकित्सा शिक्षा सचिव ने जयपुर, भीलवाड़ा, उदयपुर, कोटा, झालावाड़ जैसे जिलों में कोरोना के मामलों पर कहा कि हालात को नियंत्रित रखने के लिए तैयारी पहले से ही दुरुस्त करनी होगी। उन्होंने कहा कि जयपुर में जयपुरिया अस्पताल को डेडीकेटेड कोविड अस्पताल के रूप में परिवर्तित किया जा रहा है। इसके अलावा भीलवाड़ा और जोधपुर में भी खासतौर पर अतिरिक्त डेडीकेटेड कोविड सेंटर बनाने और अतिरिक्त बेड्स की व्यवस्था रखने के निर्देश दिए। गालरिया ने वीसी के दौरान ही भीलवाड़ा जिला कलेक्टर से भी सोशल मीडिया पर बेड्स की कमी की वायरल हो रही अफवाहों की उचित तरीकों से रोकथाम पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि हालात पूरी तरह नियंत्रण में हैं। उन्होंने अफवाहें न फैलाने और इस चुनौतीपूर्ण समय में मिलकर काम करने की अपील भी की।
इस वीसी में चिकित्सा शिक्षा आयुक्त श्रीमती शिवांगी स्वर्णकार, राजस्थान चिकित्सा सेवा निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक आलोक रंजन और अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।