खमनोर। वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की 482 वीं जयंती पर 2 से 4 जून तक शाहीबाग में आयोजित होने वाले मेले की तैयारी बैठक शुक्रवार को पंचायत समिति सभागार में प्रधान भेरूलाल वीरवाल की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में आयोजन को लेकर बजट की कमी के चलते विकास अधिकारी नीता पारीक ने मेले को दो दिवसीय करने का सुझाव दिया जिस पर स्थानीय संगठनों की आपत्ति पर मेला 3 दिवसीय ही करने पर सहमति बनी।
मेला प्रभारी अतिरिक्त विकास अधिकारी जगदीश जटिया ने 2019 में आयोजित मेले की जानकारी दी। मचिंद में दो दिवसीय मेले का आयोजन 31 मई व 1 जून को होगा। तीन दिवसीय प्रताप जयंती मेले की शुरुआत 2 जून प्रातः 8 बजे हल्दीघाटी के मुख्य युद्व स्थल रक्ततलाई से मेला स्थल तक जय हल्दीघाटी नवयुवक मंडल द्वारा परम्परागत शोभायात्रा द्वारा की जाएगी। 10 बजे मेले का विधिवत झंडारोहण कर शुभारंभ होगा। प्रताप के प्रिय अश्व चेतक की स्मृति में अश्व नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन होगा,जिसमें आसपास के अश्वपालक भाग लेंगे। रात्रि में सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। दूसरे दिन आदिवासी खेलकूद प्रतियोगिता , वॉलीबॉल प्रतियोगिता एवं रात्रि में सांस्कृतिक आयोजन होंगे। तीसरे व अंतिम दिन खेल स्पर्धाओं के पश्चात सायंकाल पुरुस्कार वितरण एवं समापन समारोह होगा। रात्रि में कवि सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। बैठक में पूर्व प्रधान पुरुषोत्तम माली में बलीचा में पंचायत समिति की मेले हेतु आरक्षित 20 बीघा भूमि को संरक्षित करने की बात कही।
आयोजित बैठक में तहसीलदार सुरेश मेहता,पूर्व प्रधान पुरुषोत्तम माली,उप प्रधान वैभवराज सिंह चौहान,ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कौशलेंद्र गोस्वामी,जय हल्दीघाटी नवयुवक मंडल अध्यक्ष चेतन पंवार, सरपंच संघ अध्यक्ष संदीप श्रीमाली,व्यापार मंडल अध्यक्ष रामचन्द्र पालीवाल सहित ग्राम पंचायतों के सरपंचों व ग्राम विकास अधिकारियों ने बैठक में भाग लिया।
उल्लेखनीय है कि महाराणा प्रताप का जन्म कुम्भलगढ़ में हुआ था और हल्दीघाटी युद्ध में महाराणा प्रताप के कई सहयोगियों ने अपने प्राण मातृभूमि के स्वाभिमान की रक्षा में न्यौछावर किये थे। हल्दीघाटी युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि स्वरूप प्रतिवर्ष हल्दीघाटी पर्यटन समिति एवं प्रेस क्लब द्वारा 18 जून हल्दीघाटी युद्धतिथि पर रक्ततलाई में शहीदों की स्मृति में दीपांजलि का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष युद्धतिथि पर जनभागीदारी बढ़ाने हेतु पर्यटन समिति द्वारा प्रधान को ज्ञापन सौंपा गया,जिस पर सकारात्मक पहल करते हुए प्रधान द्वारा ग्राम विकास अधिकारी खमनोर को मूल स्थल से जुड़े आयोजन को ग्राम पंचायत के सहयोग से आयोजित करने का निर्णय लिया गया है।