राजसमन्द । वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की 421 वीं पुण्यतिथि पर जिला मुख्यालय स्थित प्रताप प्रतिमा पर श्रद्धापूर्वक पुष्पांजलि कर जिले के प्रताप भक्त युवाओं ने महाराणा प्रताप स्मारक सहित रक्त तलाई, हल्दीघाटी के संरक्षण हेतु जिला कलेक्टर को मांग पत्र सौंप बरसों से चली आ रही लालफीताशाही पर रोक लगाने की मांग की है।
हल्दीघाटी पर्यटन विकास समिति के अध्यक्ष विश्वजीत सिंह ने समिति पदाधिकारियों, जय राजपूताना संघ व सर्व समाज के युवाओं के सानिध्य में सौंपे गए ज्ञापन में बताया कि वीर शिरोमणी महाराणा प्रताप के नाम पर एकमात्र स्मारक हल्दीघाटी में स्थित होकर विगत एक दशक से उपेक्षा का शिकार है। सरकारी संरक्षण के अभाव में मूल रणक्षेत्र रक्त तलाई,बादशाह बाग, मूल दर्रा, प्रताप गुफा,चेतक समाधी व स्मारक उपेक्षित है।
आरटीडीसी के बन्द होने से व जानकारी के अभाव में पर्यटक ऐतिहासिक धरोहरो को पीछे छोड़ 100 रुपया प्रति व्यक्ति प्रवेश शुल्क देकर निजी दुकान में हल्दीघाटी के बारे में जानकारी पाने पर मजबूर है। वर्तमान में प्राकृतिक स्वरुप को नष्ट किया जा रहा है। हल्दीघाटी के महाराणा प्रताप राष्टीय स्मारक पर 1997 में बनने वाला संग्रहालय बरसों पूर्व ही संदेहास्पद रुप से गायब हो गया व नजदीक ही सन 2003 से आरटीडीसी के पूर्व ठेकेदार का महाराणा प्रताप संग्रहालय के नाम से निजी व्यवसाय खुल गया।
विगत कई दशकों से लगातार हो रही हल्दीघाटी की उपेक्षा से आहत होकर सौंपे गए मांग पत्र में 1993 से वर्तमान तक महाराणा प्रताप स्मृति संस्थान व सदस्यों की कार्यशैली की जांचते हुए नयेे योग्य सदस्य बनाये जाने, रक्त तलाई में शहीदों स्मारक स्थित विशाल ताल की मरम्मत कराते हुये उद्यान में मूर्तियां लगवा कर पर्यटन की दृष्टि से विकास कराने,
बादशाही बाग,हल्दीघाटी के मूल दर्रे व प्रताप गुफा का संरक्षण कर पर्यटन की दृष्टि से विकास कराने, आरटीडीसी के चेतक गेस्ट हाउस को खुलवाने,महाराणा प्रताप राष्टीय स्मारक हल्दीघाटी में सरकारी संग्रहालय का निर्माण कराने,चेतक नाले पर अधूरे निर्मित व्यू पाईन्ट का विकास कराते हुए यहां लगाई जाने वाली चेतक प्रतिमा स्थापित करने,रणभूमि रक्त तलाई से लेकर महाराणा प्रताप राष्टीय स्मारक के फ्लेक्स बोर्ड लगवा कर पर्यटकों को राहत प्रदान कराने की मांग की है।
बताया गया कि 2007 में नाथद्वारा उपखडं स्तरीय सर्तकता समिति में अतिकर्मी घोषित अतिकर्मी द्वारा स्मारक के नजदीक पुनः मूर्ति लगाने की आड़ में किये जा रहे अवैध अतिक्रमण के खिलाफ सख्त कार्यवाही की आवश्यकता है एवं महाराणा प्रताप स्मृति संस्थान के संस्थापक सदस्य द्वारा निजी व्यवयास के चलते स्मारक के संचालन में जो हस्तक्षेप कर रखा है उसकी जाचं करा ठोस कार्यवाही की मांग की गई है । मामले पर गम्भीरता पूर्वक कदम उठाते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करा हल्दीघाटी का समुचित विकास की उम्मीद जताई व महाराणा प्रताप जयन्ती 2018 तक प्रशासन द्वारा मांग पत्र की उपेक्षा की स्थिति में जन आन्दोलन की चेतावनी दी गई।
इस दौरान हल्दीघाटी पर्यटन विकास समिति अध्यक्ष विश्वजीत सिंह चौहान,उपाध्यक्ष युवराज सिंह, महासचिव जितेंद्र सिंह राठौड़,सचिव जितेंद्र सिंह झाला,बलवीर सिंह चौहान,डालचंद मीणा, जितेंद्र सिंह चौहान,अभय सिंह,यशपाल सिंह,कालू सिंह सहित जय राजपूताना संघ के युवा कार्यकर्ता मौजूद रहे।