शिव महापुराण के पांचवे दिन शिव के विभिन्न स्वरूपों का वर्णन
राजसमंद/कुंवारियां। शिव महापुराण के पांचवे दिन साध्वी सुहृदय गिरि ने कहा की आज की पीढ़ी को भगवान गणेश से प्रेरणा लेनी चाहिए। पिता का आशीर्वाद कभी निष्फल नहीं जाता, भगवान गणेश ने माता-पिता को सर्वश्रेष्ठ मानकर उनकी परिक्रमा की तो माता पिता के आशीर्वाद से गणेशजी आज भी प्रथम देव के रूप में पूजे जाते हैं।
राजसमंद जिले की कुंवारियां तहसील में आयोजित शिव महापुराण कथा के दौरान साध्वी सुहृदय गिरि ने कहा की सनातन धर्म में प्रत्येक देव, मानव को आदर्श संदेश प्रदान करते हैं। विदेशी आक्रांताओं ने भारत की समृद्धि को लूटने और समृद्ध संस्कृति को बार-बार नष्ट करने के अनेकों प्रयास किए पर सनातन संस्कृति की जीवंतता को समाप्त नहीं कर सके।
साध्वी ने कहा कि शिव स्वरूप एकलिंग नाथ के आशीर्वाद से ही महाराणा प्रताप जैसे आदर्श योद्धा इस धरती पर अवतरित हो कर मानव को स्वाभिमान, देश प्रेम व संस्कृति की रक्षा का संदेश देते हैं। शिव के एक हाथ में माला दूसरे में भाला इसी का प्रतीक है कि शिव सज्जनों का सृजन भी करते हैं तो दुर्जनों का विनाश भी करते हैं।
कथा के पंचम दिवस के अवसर पर समाजसेवी महेंद्र कोठारी, हरिओम सेवा संस्थान के कर्णवीर सिंह राठौड़, नप नेता प्रतिपक्ष हिम्मत कुमावत, गिरिराज लाहोटी, सुनील पिंकी लड्ढा, गिरिराज मुद्गल, राकेश गौड विषाग सेन, नीरज प्रजापत, प्रीतम जागेटिया गौतम ओस्तवाल कपिल काबरा रामप्रकाश सोमानी किशन प्रजापत सोहन लाल सालवी लक्ष्मी लाल मूंदड़ा पार्षद, प्रह्लाद सिंह राठौड़, मुकेश मूंदड़ा प्रेम पालीवाल, कृष्णकांत बंजारा संपत सोनी सहित सैंकड़ों ग्रामवासी ने कथा श्रवण किया।
गुरु दीक्षा कार्यक्रम मंगलवार को —
आयोजन मंडल के सदस्य गिरिराज काबरा ने बताया कि मंगलवार प्रातः 9 बजे शुभ मुहूर्त में भारतीय संस्कृति की गुरु – शिष्य परंपरा के अनुसार 50 से अधिक साधकों को साध्वी सुहृदय गिरि गुरु दीक्षा प्रदान करेगी। इसकी तैयारियां पूरी कर ली गई है।