नाथद्वारा@राजसमन्द टाइम्स। मेवाड़ के प्रमुख एकलिंगजी मंदिर के सुरक्षा गार्डों द्वारा न्यायिक अधिकारी सिद्वार्थ शंकर शर्मा व अधिवक्ता अर्पित पालीवाल के साथ मंगलवार 13 अगस्त 2024 को हुई मारपीट एवं दुर्व्यवहार की घटना को लेकर प्रदेश के अधिवक्ता संघों व बार एसोसिएशन ने मुख्य न्यायाधिपति, जोधपुर उच्च न्यायालय को ज्ञापन भेजते हुए रोष व्यक्त करते हुए निष्पक्ष कानूनी कार्यवाही की मांग की है।
ज्ञापन में जानकारी देकर बताया गया कि वर्तमान में निवाई, टोंक में अति. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय में पदस्थापित सिद्वार्थ शंकर शर्मा 13 अगस्त 2024 को उदयपुर स्थित एकलिंग महादेव मंदिर में दोपहर को परिवार सहित दर्शन करने के लिये गये थे, वहां पर मंदिर परिसर में उपस्थित सुरक्षा गार्डों द्वारा न्यायिक अधिकारी व उनके परिवार के साथ धक्का मुक्की कर मारपीट व दुर्व्यवहार किया गया तथा इस दरम्यान पास ही खड़े अधिवक्ता अर्पित पालीवाल के साथ भी दुर्व्यवहार करते हुये मारपीट कर गम्भीर चोट पहुंचाई गई। उक्त गार्डों द्वारा एक न्यायिक अधिकारी व उसके परिवार के साथ तथा अधिवक्ता के साथ बिना वजह दुर्व्यवहार कर मारपीट कर सम्पूर्ण न्यायिक क्षेत्र को चोट पहुंचाई है। इस संबंध में पुलिस के द्वारा भी प्रकरण में कोई एफआईआर दर्ज नहीं किया गया है जिससे पुलिस प्रशासन का व्यवहार भी चिंतनीय है। घटना के सीसीटीवी फुटेज में मंदिर के सुरक्षा गार्ड द्वारा दर्शनार्थियों की कतार में खड़े न्यायिक अधिकारी के साथ धक्का मुक्की एवं मारपीट रिकॉर्ड है।
उपरोक्त प्रकरण में सिटी पैलेस के विक्रम सिंह द्वारा थाने में जाकर मामले को रफादफा करने का प्रयास भी किया गया जिस पर विक्रम सिंह और लक्ष्यराज सिंह के खिलाफ शिकायत दी गई है। वर्तमान तक पुलिस द्वारा कोई संतोष जनक कार्यवाही नहीं की गई है एवं मंदिर प्रबंधन की ओर से सुखेर थाने में दी गई शिकायत वापस लेने के लिए नाना प्रकार से प्रयास किया जा रहा है। जिससे समस्त राजस्थान में न्यायिक क्षेत्र में कार्य करने वाले अधिकारीगण व अधिवक्ताओं में भारी रोष व्याप्त है।
नाथद्वारा बार एसोसिएशन ने इस घटना को लेकर 17 अगस्त से ही न्यायिक कार्य में हिस्सा नहीं लेने का फैसला कर 20 अगस्त को बार एसोसिएशन की साधारण सभा बैठक बुलाई है जिसमें चर्चा कर आगे की कार्यवाही तय की जाएगी।
नाथद्वारा,बाड़मेर, सुजानगढ़,बीदासर, अनूपगढ़ सहित अनेक अधिवक्ता संघों के अधिवक्ताओं ने मांग की है कि वारदात में शामिल सुरक्षा गार्डो व व्यक्तियों को तत्काल गिरफ्तार करने व दोषी पुलिस अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही हेतु तत्काल आदेश दिया जाए जिससे भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृति नहीं हो सके।