राजसमन्द। प्रसुति वार्ड, नवजात शिशुओं के लिये उपलब्ध सुविधाएं, चिकित्सक, मेडिकल स्टाफ, स्टाफ के लिए आवास व्यवस्था, नियमित पानी और बिजली व्यवस्था इत्यादि का जायजा लेने हेतु अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश मनीष कुमार वैष्णव, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, राजसमंद ने सोमवार को गिलुण्ड स्थित राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का निरीक्षण किया गया।
प्राधिकरण सचिव वैष्णव ने बताया कि राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर के आदेशानुसार राजकीय अस्पताल गिलुण्ड में मेटरनिटी होम का निरीक्षण किया । उन्होंने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में स्थित प्रसुति वार्ड का निरीक्षण कर प्रसुति वार्ड एवं लेबर रूम में रखी दवाईयों की जांच की। दवाईयां पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होकर सभी दवाईयां वैधता अवधि में पाई गई। अस्पताल प्रभारी कृष्ण कुमार ने महिला प्रसुति रोग विभाग में 02 महिला नर्स का कार्यरत होना बताया। प्रसूति वार्ड में स्टॉफ की ड्यूटी रोटेशन के आधार पर लगाना बताया। बच्चों हेतु उपलब्ध एक वार्मर उपलब्ध था जिसकी जांच करने पर कार्यशील अवस्था में पाया गया। प्रसूति वार्ड की सफाई व्यवस्था संतोषजनक पाई गई। बिजली बन्द होने पर इन्वर्टर की सुविधा उपलब्ध है जनरेटर की व्यवस्था उपलब्ध नही है। ब्लड बैंक की सुविधा उपलब्ध नही है, ना ही स्टोरेज की व्यवस्था है। महिला वार्ड में महिलाओं हेतु अटेच टॉयलेट उपलब्ध है। पेयजल हेतु आरओ की व्यवस्था उपलब्ध है। प्राप्त जानकारी अनुसार महिलाओं को एनजीओ द्वारा नाश्ता व भोजन उपलब्ध करवाया जाता है। महिलाओं को जननी सुरक्षा के अंतर्गत आने वाली सभी सरकारी सुविधाओं का लाभ प्रदान किया जा रहा है उक्त योजनाओं के तहत वर्ष 2023-2024 में अब तक 54 महिलाओं को लाभान्वित किया गया है। आपातकाल में अग्नि से बचाव हेतु अग्निशमन यंत्र उपलब्घ नही था। निरीक्षण के समय महिला वार्ड में कोई भी महिला भर्ती नही पाई गई। प्रसुति वार्ड की सुरक्षा हेतु गार्ड की व्यवस्था नहीं थी, ना ही सीसीटीवी कैमरे लगे हुये पाये गये। अस्पताल प्रभारी ने चिकित्सक व नर्स स्टाफ हेतु पर्याप्त मात्रा में आवास उपलब्ध नही होना बताया।