राजसमंद। राज्य सरकार के निर्देशों पर जिले में हैल्दी लिवर कैम्पेन को संचालित किया जायेगा जिसके तहत जिला प्रशासन, जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी, महिला एवं बाल विकास, पंचायती राज एवं अन्य सम्बन्धीत विभागो के सहयोग से विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जायेगा। यह जानकारी सीएमएचओ डॉ प्रकाश चन्द्र शर्मा ने स्वास्थ्य भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेन्स में दी।
उन्होंने बताया की जिले में हैल्दी लिवर कैम्पेन की कार्ययोजना तैयार की गई है। जिसमें विभिन्न विभागों के दायित्व निर्धारित किये गये है। सभी गतिविधियों को अभियान के रूप में गांव – ढाणी तक संचालित किया जायेगा और आमजन को वायरल हेपेटाइटिस के बारे में जागरूक किया जायेगा। वायरल हेपेटाइटिस मुख्यतः दूषित पानी व भोजन तथा संक्रमित ब्लड के कारण होता है तथा यह लिवर को प्रभावित करता है जिससे मृत्यु तक हो जाती है।
क्या होगा अभियान में.
इसको लेकर जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग एवं पंचायती राज विभाग के अन्तर्गत आने वाले सभी पेयजल स्त्रोतो की साफ – सफाई, क्लोरीनेशन करवाया जायेगा। साथ ही शहरो मंे रेल्वे स्टेशन, बस स्टेण्ड एवं नगरीय निकायो के माध्यम से अन्य सार्वजनिक स्थानो पर स्थित पेयजल स्त्रोतो की भी साफ – सफाई एवं क्लोरीनेशन का कार्य किया जायेगा। महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से गांव – ढांणी तक हैल्थी लिवर के लिये आवश्यक पोषक आहार के लिये गर्भवती महिलाओं एवं धात्री महिलाओं को जानकारी दी जायेगी। जिला एवं ब्लॉक स्तर पर हैल्दी लिवर जागरूकता रैलियो का आयोजन किया जायेगा। जिले में स्थित जेलो में बन्दियों की हेपेटाइटिस बी एवं सी की स्क्रीनिंग की जायेगी वहीं चिकित्सा संस्थान पर एचआईवी से ग्रस्त लोगो की हेपेटाइटिस स्क्रिनिंग की जायेगी। वहीं जिले में वर्तमान में पंजीकृत समस्त गर्भवती महिलाओं की हेपेटाइटिस बी की स्क्रीनिंग की जायेगी तथा सभी शत प्रतिशत नवजात शिशुओं को हेपेटाइटिस बी की बर्थडोज लगाई जायेगी। वही उच्च जोखिम वाले समुहो का हेपेटाइटिस बी का टीकाकरण किया जायेगा। जिले में स्थित सभी डायलिसिस मरीजो की शतप्रतिशत हेपेटाइटिस स्क्रिीनिंग की जायेगी तथा पॉजिटीव पाये जाने पर उपचार किया जायेगा।
हैल्दी लिवर अभियान को लेकर नगर परिषद् एवं नगर पालिकाओं मंे संचालित कचरा संग्रहण वाहनो के माध्यम से संदेश प्रसारित किये जायेंगे और सोशल मिडिया के माध्यम से भी आमजन को हैल्दी लिवर के सम्बन्ध आवश्यक जानकारीयां और प्रचार प्रसार किया जायेगा।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दूनिया भर में वायरल हेपेटाइटिस के कारण हर 30 सेकेंड में 1 व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है। इसकी गंभीरता के मध्येनजर संपूर्ण देश में वर्ष 2018 में वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम की शुरूआत की गई। जिसका लक्ष्य है वर्ष 2030 तक वायरल हेपेटाइटिस को समाप्त करना। इसमें हेपेटाइटिस ए,बी,सी,डी और ई सम्मिलित है तथा इसके रोकथाम, निदान और उपचार की पूरी श्रृंखला को शामिल किया गया है।
क्या होता है वायरल हेपेटाइटिस
वायरल हेपेटाइटिस एक ऐसी बीमारी है जो वायरस के कारण लिवर को प्रभावित करती है। यह वायरस खून के माध्यम से लिवर में प्रवेश करता है और फिर लिवर फेलियर समेत कई गंभीर बीमारियों को जन्म देता है। यदि इसका इलाज समय पर ना किया जाए, तो यह मौत का कारण भी बन सकता है। वायरल हेपेटाइटिस पांच प्रकार का होता है, ए,बी,सी,डी और ई।
हेपेटाइटिस ए का संक्रमण सबसे ज्यादा होता है क्योंकि यह दूषित भोजन और पानी की वजह से होता है। खाने – पीने से यह शरीर के अंदर जाता है ओर लिवर को प्रभावित करता है। इसके कारण शरीर में दर्द, जोड़ो में दर्द और पिलिया की परेशानी होती है। इससे बचाने का सबसे अच्छा तरीका है साफ पानी और स्वच्छ भोजन का सेवन किया जाये।
हेपेटाइटिस बी का मुख्य कारण संक्रमित ब्लड व सूई तथा असुरक्षित यौन सम्बन्धो के कारण होता है। इसके कारण पेटदर्द, स्किन का रंग पीला पड़ना और उल्टी व थकान होता है। हेपेटाइटिस सी व डी भी रक्त संक्रमण के कारण फैलता है। टैटू गुदवाने, दूषित ब्लड चढने व संक्रमित सुई लगने, दूसरे का शेविंग किट का इस्तेमाल करने से यह हो सकता है। इसके कारण स्किन का रंग पीला पड़ना, उल्टी व थकान, बुखार, पेट और जोड़ो में दर्द होता है। वहीं हेपेटाइटिस ई दूषित खानपान और पानी के सेवन से होता है इससे थकान, वजन घटना, त्वचा पर पीलापन और हल्का बुखार होता है।
वायरल हेपेटाइटिस से बचाव के लिये आवश्यक है की शुद्ध पानी व भोजन का सेवन करें तथा संक्रमित ब्लड एवं असुरक्षित यौन संपर्क से बचा जाये।