श्रीजी प्रभु की हवेली में जलेबी उत्सव के रूप में मना श्री गुसाईं जी महाराज का प्रागट्य महोत्सव
नाथद्वारा। पुष्टिमार्गीय प्रधान पीठ प्रभु श्रीनाथजी की हवेली में शुक्रवार को पुष्टिमार्गीय सेवा प्रणालीका के प्रणेता श्री गोसाई जी महाराज का 509 वां प्रागट्य महोत्सव विशाल बावा के सानिध्य में बड़ी धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर श्रीजी प्रभु की हवेली में राजभोग के दर्शन के समय मोती महल चौक में श्री गोसाई जी (श्री विट्ठल नाथ जी) की छवि के सम्मुख 51 वेद पार्टी ब्राह्मणों द्वारा श्री सर्वोत्तम जी का पाठ किया गया तथा विशाल बावा ने श्री गोसाई जी की छवि पर तिलक एवं माल्यार्पण कर उनका पूजन किया। इस अवसर पर श्री नाथ गार्ड एवं श्रीनाथ बैंड द्वारा श्री गुंसाई जी प्रभु को विशाल बावा के सानिध्य में ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया गया।
विशाल बावा ने इस अवसर पर 51 वेदपाठी ब्राह्मणों को तिलक उपरना एवं प्रसाद प्रदान कर उनका समाधान किया तथा श्रीनाथजी के मुखिया प्रदीप सांचीहर एवं नवनीत प्रियाजी के मुखिया घनश्याम सांचीहर, श्रीनाथजी मंदिर के अधिकारी सुधाकर उपाध्याय, श्रीनाथजी मंदिर के मुख्य प्रशासक भारत भूषण व्यास, राजसमंद कलेक्टर नीलाभ सक्सेना, मंदिर मंडल के सीईओ कैलाशचंद्र शर्मा, तिलकायत के मुख्य सलाहकार अंजन शाह, श्रीनाथजी मंदिर मंडल बोर्ड के सदस्य समीर चौधरी, सुरेश संघवी, मंदिर के पंड्याजी परेश नागर, मंदिर के मीडिया प्रभारी एवं पीआरओ गिरीश व्यास का तिलक उपरना एवं प्रसाद प्रदान कर समाधान किया एवं आशीर्वाद प्रदान किया।
आज के विशेष अवसर पर आज के दिन से ही श्रीजी प्रभु की सेवा के भोग के रूप में सागर की सुहाग सोंठ का आरोगाना आरम्भ होता है।
श्रीजी प्रभु की सेवा में तिलकायत पुत्र विशाल बावा गुरुवार को सांय नाथद्वारा पधारे। विशाल बावा के पधारने के अवसर पर श्रीनाथजी मंदिर के अधिकारी सुधाकर उपाध्याय, श्रीनाथजी मंदिर के मुख्य प्रशासक भारत भूषण व्यास, तिलकायत के मुख्य सलाहकार अंजन शाह, सहायक अधिकारी अनिल सनाढ्य,मंदिर मंडल बोर्ड के सदस्य समीर चौधरी, सुरेश भाई संघवी,मंदिर मंडल के सीईओ कैलाशचंद्र शर्मा, संपदा अधिकारी ऋषि पांडे, तिलकायत के सचिव लीलाधर पुरोहित,मीडिया प्रभारी एवं पीआरओ गिरीश व्यास,राजेश्वर त्रिपाठी,मंदिर के पंड्या परेश नागर, समाधानी उमंग मेहता,ओम प्रकाश जलंधरा,हर्ष सनाढ्य,कैलाश पालीवाल, प्रतीक, आशीष, देवेश, दिव्या आदि ने अगवानी की तथा इस अवसर पर सैकडों वैष्णव जन उपस्थित थे।