नारायण सेवा संस्थान व डीसीसीआई की चौथी राष्ट्रीय दिव्यांग क्रिकेट चैंपियनशिप का समापन , विजेता टीम को पांच लाख, स्टार प्लेयर को मिली कार

उदयपुर। नारायण सेवा संस्थान एवं डिफरेंटली एबल्ड क्रिकेट कौंसिल ऑफ़ इंडिया (डीसीसीआई) के ग्यारह दिवसीय राष्ट्रीय क्रिकेट चैंपियनशिप का शुक्रवार को बीएन कॉलेज मैदान पर मुंबई टीम के ट्रॉफ़ी पर कब्जे के साथ समापन  हो गया।संस्थान संस्थापक कैलाश ‘मानव’ ने क्रिकेट के इस महाकुंभ सफल होने पर आशीर्वचन प्रदान किए।

इस टूर्नामेंट में देश की 24 टीमों के 350 से अधिक दिव्यांग खिलाड़ियों ने 67 मैचों में अपने जोश,जज्बे और हुनर का प्रदर्शन किया। इसमें भाग लेने वाले खिलाड़ियों में किसी के एक पांव तो कोई एक हाथ से महरूम था। बावजूद इसके उन्होंने सामान्य खिलाड़ियों की तरह ही कलात्मक खेल का प्रदर्शन कर खेल प्रेमियों का दिल जीत लिया ।
समापन समारोह के मुख्य अतिथि राज्यसभा सदस्य चुन्नीलाल गरासिया थे। तथा अध्यक्षता खाटू श्याम मंदिर प्रबंध कमेटी के चेयरमैन एवं डीसीसीआई के संरक्षक महाराज प्रताप सिंह ने की।
आरंभ में संस्थान अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने संस्थान की ओर से अतिथियों, खिलाड़ियों और डीसीसीआई के अधिकारियों का स्वागत करते हुए कहा कि खेल के प्रति दिव्यांगजन का यह समर्पण स्तुति योग है। संस्थान का सौभाग्य है कि दिव्यांग क्रिकेट के इस महाकुंभ का वह सहभागी बन सका।


डीसीसीआई के सचिव रविकांत चौहान ने टूर्नामेंट का प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए सहयोगियों का आभार व्यक्त किया। विशिष्ट अतिथि के रूप में डीसीसीआई की राजस्थान अध्यक्ष ज्योत्सना चौधरी, द्रोणाचार्य अवॉर्डी महावीर सैनी, राजस्थान रॉयल्स के हेड स्टाफ अभिजीत, राजस्थान रणजी टीम के पूर्व कप्तान रोहित झालानी, डीसीसीआई के संयुक्त सचिव अभय प्रताप सिंह,डीसीसीआई कॉरपोरेट अफेयर कमेटी के चेयरमैन राजेश भारद्वाज, चतुर्भुज फाउंडेशन के राहुल पटेल एवं स्वयं फाउंडेशन के प्रतिनिधि भूपेंद्र कुमार मौजूद थे।

मंचासीन अतिथियों द्वारा 24 टीमों के खिलाड़ियों व सैकड़ों  दर्शकों की उपस्थिति में फाइनल मैच के हीरो मैन ऑफ द मैच मुंबई के रविंद्र संते को 11000₹, टूर्नामेंट के बेस्ट बॉलर राजस्थान के सतीश किराड़ को 25000₹, महाराष्ट्र से बेस्ट फील्डर कुणाल फनंसे को 25000₹, कर्नाटक से बेस्ट बैट्समैन शिवाशंकरा  को 25000₹ का पुरस्कार दिया गया। यह पुरस्कार स्मीनू जिन्दल जिंदल के स्वयं संस्थान की ओर से दिया गया। वहीं प्लेयर ऑफ सीरीज मुंबई के आकाश पाटिल को स्कूटी तथा स्टार प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट बने राजस्थान के सुरेंद्र खोरवाल को चमचमाती कार की चाबी सौंपी गई। यह उपहार श्री चतुर्भुज फाउंडेशन द्वारा दिया गया। सेमीफाइनल तक सफर करने वाली मेजबान राजस्थान और महाराष्ट्र की टीम को 1- 1 लाख रुपए पुरस्कार स्वरूप दिया गया। महामुकाबले की विजेता बनी मुम्बई को 5 लाख रुपए और उपविजेता रही कर्नाटक को 2.50 लाख रुपए प्रदान किए गए।


मुंबई के सिर जीत का सेहरा: फाइनल मुकाबले में कर्नाटक ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी चुनी। नरेंद्र मंगोरे के शानदार 68 रन की मदद से 6 विकेट पर कर्नाटक ने 175 रन बनाए। लक्ष्य का पीछा करने उतरी मुंबई ने रविंद्र संते के 70 रन और प्रसाद चौहान के 57 रन के योगदान से 18.1 ओवर में 2 विकेट पर 178 रन बनाकर 8 विकेट से ट्रॉफी पर कब्जा किया।