नगरपालिका नाथद्वारा की कार्यशैली को लेकर उपजा विवाद , आधी रात में तीन जेसीबी से ध्वस्त किया आवासीय निर्माण

नाथद्वारा @राजसमन्द टाइम्स। नाथद्वारा नगरपालिका द्वारा अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई को लेकर अपनाई जा रही दोहरी कार्यशैली को लेकर नगर में चर्चाओं का बाजार गर्म है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार नगरपालिका नाथद्वारा के करीब 25 से 30 कर्मचारियों द्वारा 17 सितंबर की रात करीब ढाई बजे कनवा बस्ती में अपना तानाशाही रवैया अपनाते हुए नियमों के विरुद्ध बुलडोजर चला कर एक आवासीय मकान को जमींदोज कर दिया।


नगरपालिका द्वारा की गई इस आतंकित करने वाली कार्रवाई को लेकर पीड़ित संदीप पिता हजारीलाल सनाढय ने अपना पक्ष रखते हुए बताया कि लाखों रुपये कर्ज लेकर एक आशियाना बसाया उसे भी नगरपालिका ने अपनी दोहरी नीति से तबाह कर दिया है। पालिका द्वारा पीड़ित को अपना वैधानिक पक्ष रखने का अवसर न देते हुए अचानक रात को तीन बुलडोजर व दर्जनों कर्मचारियों को भेज पूरे आवासीय परिसर को आतंकित करने वाले नाजायज तरीके से ध्वस्त कर करीब 25 लाख रुपयों की क्षति पहुंचाई है।
नगरपालिका द्वारा म्युनिसिपल एक्ट में वर्णित प्रावधान का उल्लंघन कर की गई कार्रवाई अवैधानिक है। निर्माणकर्ता ने पालिका कर्मचारियों पर गंभीर आरोप लगाए है।
इस मामले पर पालिका आयुक्त बृजेश राय का कहना है कि जांच की जाएगी कि किन परिस्थितियों में यह कार्रवाई हुई है। रात में ध्वस्त करने के आदेश नहीं दिए गए।
पालिका अध्यक्ष मनीष राठी ने निर्माण की वैधता या अवैधता सहित अतिक्रमण निरोधक दस्ते की कार्यवाही से अनभिज्ञता जाहिर कर कहा कि पीड़ित परिवार के साथ गलत हुआ है।
इस मामले में पीड़ित पक्ष ने न्यायालय की शरण लेकर न्याय की गुहार लगाई है।
इधर चौपाटी की चर्चा में दबी जुबान से लोगों का कहना है कि नगरपालिका द्वारा अवैध अतिक्रमण हटाने एवं अवैध निर्माण को ध्वस्त करने में दोहरी नीति व गम्भीर अनियमितता अपनाई जा रही हैं। पालिका के जिम्मेदार कर्मचारी नगर के सफेदपोश रसूखदारों द्वारा नियमों की अनदेखी पर कभी कोई कार्यवाही करने की हिम्मत नहीं जुटाते है। नगर में कई आवासीय परिसर व्यावसायिक गतिविधियों को संचालित कर रहे है व वन विभाग की जमीन दिन-प्रतिदिन सीमेंट व कंक्रीट का जंगल बनती जा रही है। सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर आगे से आगे भूमि बेचने वाले धनपशु बने माफियाओं सहित दलाल की भूमिका में लगे तथाकथित कर्मचारियों से पालिका को राजस्व की हानि हो रही है।
इस घटनाक्रम से नगर में एकबारगी सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर रहने वालों की रातों की भी नींद हराम हो गई है। अब नगर की जनता आधी रात में हुई कार्रवाई के पीछे छुपे असली सच को जानने का इंतजार कर रही हैं।