चिरंजीव श्री लाल बावा साहब का चूड़ाकरण संस्कार हुआ धूमधाम से संपन्न…
चूड़ाकर्म द्वीजातीनां सर्वेषा मेव धर्मतः…
नाथद्वारा। प्रभु श्रीनाथजी की हवेली में श्रीजी कृपा एवं गो. ति.108 श्री इंद्रदमन जी महाराज श्री के आशीर्वाद से उनके पौत्र व गो. चि.श्री विशाल बावा साहब के लाल जी श्री लाल बावा का चूड़ाकरण संस्कार (मुंडन संस्कार) बड़े धूमधाम से संपन्न हुआ। वैदिक संस्कृति के सोलह संस्कारों में प्रमुख मुंडन संस्कार का वल्लभ कुल की रीत से पूर्ण वैदिक मंत्रोचार एवं पूजन विधि द्वारा श्रृंगार दर्शन पश्चात रतन चौक में संपन्न हुआ।
वल्लभ कुल की रीत अनुसार मुंडन संस्कार प्रथम या तीसरे वर्ष में करने का प्रावधान है, जिसमें संपूर्ण तिलकायत परिवार की उपस्थिति में चौक पूरा के पट्टा बिछाकर गड़गड़ी तैयार करके गठजोडे से श्रृंगार करके बालक को माता पिता की गोद में बिठाया जाता है, तत्पश्चात एवाती बाई द्वारा ग्रंथि बंधन किया जाता है। पंड्या जी द्वारा पुन्याह वाचन किया जाता है, बाल उतारने वाले नाई को तिलक कर गेहूं, गुड़, परोत,पाग,ऊपरना आदि भेंट दी जाती है तत्पश्चात गाजे-बाजे से चांदी की कटोरी में गड़गड़ी मलड़ा को जल लेकर बालक का मुंडन किया जाता है । इस रीत से आज के शुभ दिन श्रीलाल बाबा को उनके पिता गो. चि.श्री विशाल बाबा साहब की गोद में बिठाकर मुंडन संस्कार संपन्न किया गया।
इस अवसर पर श्री विशाल बाबा के साथ उनकी बहू जी दीक्षिता जी गोस्वामी जोड़े से विराजे हुए थे एवं श्री लाल बाबा के भुआ जी पद्मिनी बेटी जी एवं प्रियंवदा बेटी जी सम्मुख विराजे हुए थे।
इस अवसर पर गो. ति.श्री इंद्रदमन जी महाराज श्री एवं बहू जी महाराज राजेश्वरी जी रतन चौक में बिराजे एवं सम्पूर्ण तिलकायत परिवार,मंदिर अधिकारी श्री सुधाकर उपाध्याय,मंदिर सीईओ जितेंद्र ओझा,मंदिर के पंड्या परेश नगर,मीडिया प्रभारी गिरीश सांचीहर,कुणाल उपाध्याय, जितेंद्र वर्मा,खवास कमल सनाढ्य,गोपी वर्मा, मंदिर सेवक व वैष्णव जन उपस्थित थे।
इस शुभ अवसर पर श्री जी प्रभु को केसरी धोती पटका का विशेष श्रृंगार धराया गया एवं लालन के बगीचे में भोग आरती में विशेष मनोरथ का आयोजन किया गया।