राजसमंद। राजसमंद विधानसभा क्षेत्र भाजपा प्रत्याशी दीप्ति माहेश्वरी ने रविवार को बोरज, मुंडोल, पूठोल, पीपलांत्री, सांगठ आदि पंचायतों में जनसम्पर्क किया।
चुनाव मीडिया प्रभारी प्रमोद गौड़ ने बताया कि भाजपा प्रत्याशी दीप्ति माहेश्वरी ने सार्दुल खेड़ा, बोरज खेड़ा, केरड़ी, बोरज, खरंडिया, मादड़ी, मोरवड़, पीपलांत्री, धर्मेटा, उमटी, सापोल सहित कई गांवों में जाकर मतदाताओं से मुलाकात कर भाजपा के पक्ष में मतदान करने की अपील की। उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस को दिवंगत विधायक किरण माहेश्वरी के द्वारा किए गए विकास कार्य नजर नहीं आते। कांग्रेस विधायक किरण माहेश्वरी का अपमान कर रही है जिसका जबाव यहां की जनता इस चुनाव में देगी। जनसम्पर्क के दौरान गांवों में पहुंचने पर जगह-जगह दीप्ति का स्वागत किया गया। वहीं सार्दुल खेड़ा में दीप्ति को फलों से तोला गया।
इस अवसर पर मण्डल अध्यक्ष मुकेश जोशी, पूर्व मण्डल अध्यक्ष पर्वतसिंह आशिया, गणेश पालीवाल, प्रधान अरविंदसिंह राठौड़, माधवलाल जाट, युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष जगदीश पालीवाल, जगदीश धर्मेटा, निर्भयसिंह राठौड़, पूर्व जिला महामंत्री श्रीकृष्ण पालीवाल सहित कई कार्यकर्ता साथ मौजूद थे।
हमारी सभ्यता और संस्कृति की दुश्मन है कांग्रेस:दीप्ति
रविवार को राणा राजसिंह मण्डल के गांवों में आयोजित जन सभाओं को सम्बोधित करते हुए दीप्ति माहेश्वरी ने भाजपा प्रत्याशी दीप्ति ने कांग्रेस पार्टी को भारत की सभ्यता और संस्कृत का सबसे बड़ा दुश्मन बताया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी गौ हत्यारों को खुला समर्थन देती है। जनसंख्या नियंत्रण कानून का विरोध करती है और तुष्टिकरण की राजनीति के कारण हमारे गौरवशाली इतिहास के भारतीय नायकों का अपमान करती है। दीप्ति किरण माहेश्वरी ने कहा कि जो अकबर को महान बताती है एवं महाराणा प्रताप का अपमान करती है।ऐसी पार्टी को मेवाड़ की धरती कभी क्षमा नहीं करेगी। स्वर्गीय किरण माहेश्वरी ने लोकसभा एवं विधानसभा में राजसमंद की आवाज बन कर हमारे पक्ष को मजबूती से उठाया था। हमें रिमोट से चलने वाला नहीं आपकी आवाज को सशक्त रूप से उठाने वाला प्रतिनिधि चाहिए। जो नेता राजसमंद के अधिकारों को छीनने के दोषी हैै,जो नेता राजसमंद के विकास में सबसे बड़े अवरोध बने हैं, जनता कांग्रेस को हरा कर उन्हें सबक सिखाए।
इस अवसर पर सांसद दीया कुमारी, मंडल अध्यक्ष गणेश पालीवाल, बुथ अध्यक्ष कैलाश भील, पवन पालीवाल, नारायण गुर्जर, डूंगरसिंह, किशनसिंह, उदयलाल पालीवाल, विनोद सुथार, विष्णु पालीवाल, संजय रेबारी, प्रभुलाल पालीवाल, शेरसिंह, लक्ष्मणसिंह, धनसिंह सहित कई वरिष्ठ कार्यकर्ता साथ उपस्थित थे।