राज्य सरकार के निर्देश पर जिला कलक्टर ने जारी किए आदेश
राजसमन्द । प्लास्टिक के कचरे (प्रबन्धन) नियम, 2016 को पर्यावरण की दृष्टि से अच्छे तरीके से प्लास्टिक के प्रबन्धन के लिए अधिसूचित किया गया है। कथित नियमों के प्रावधानों का पालन करने के लिए राज्य सरकार ने अधिसूचना जारी कर राज्य में प्लास्टिक की थैलियों के उपयोग पर पूरी तरह रोक लगाई है। इसके अलावा भारत सरकार ने एकल प्रयोग प्लास्टिक की वस्तुओं (प्लास्टिक की छड़े के साथ कान की कलियों, गुब्बारें के लिए प्लास्टिक की छड़े, कैण्डी स्टिक्स, आइसक्रीम स्टिक्स, सजावट के लिए पॉली स्टाइनी थर्माकॉल) पर प्रतिबन्ध लगाने के लिए अधिसूचना जारी की है। (प्लास्टिक की छड़े, गुब्बारें के लिए प्लास्टिक की छड़े, कैण्डी की छड़े, आइसक्रीम की छड़े, पॉली स्टीनन थर्मल) सजावट, प्लेट, कप, चश्मा, कटलरी जैसे कांटे, प्लेट, छुर्रिया, स्ट्रॉ, ट्रे, लपेटने या पैकिंग के लिए मिठाई बक्से के आसपास की फिल्में, निमंत्रण कार्ड और सिगरेट पैकेट, प्लास्टिक या पीवीसी बैनर, 01 जुलाई 2022 से 100 माईकॉन, स्टीयरर्स) के लिए कान की कली।
इसी क्रम में राज्य सरकार ने भी एक जुलाई 2022 से सभी सरकारी कार्यालयों में प्लास्टिक के इस्तेमाल सम्बन्धी वस्तुओं पर प्रतिबन्ध लगाने का निर्णय लिया है जिसके तहत सभी प्रकार के प्लास्टिक के ले जाने वाले बैग, स्टिक, थर्माकॉल, डिस्पोजेबल कटलरी सहित खाने-पीने की चीजें देने के लिए इस्तमाल होने वाले कटोरे, ट्रे, कण्टेनर, आर्टिफिशिएल फूल, बैनर, लगी, लॉवर बर्तन, खाली बोतलों का कोई भी सरकारी कार्यालय उपर्युक्त एकबारगी (सिंगल युज) उपयोग किया जाने वाला प्लास्टिक पदार्थों का उपयोग नहीं करेगा और उन विकल्पों का प्रयोग कर सकता है, जैसे कम्पोर्टेबल प्लास्टिक्स, बायो खराब करने वाले प्लास्टिक्स, प्राकृतिक वस्त्र, पुनर्नवीनीकरण, कागज सामग्री आदि जिनका पर्यावरण पर कम प्रभाव पडता है। जिला कलक्टर ने सभी राजकीय कार्यालयों, संस्थानों को पत्र लिखकर इसकी पालना करने के निर्देश दिए हैं।