राजसमंद। पीड़ित प्रतिकर स्कीम के तहत प्राप्त आवेदन पत्रों पर विचार करने हेतु शुक्रवार प्रातः 10 बजे अंनत भण्डारी , अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (जिला एवं सेशन न्यायाधीश), राजसमन्द की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन जिला एवं सेशन न्यायाधीश के अवकाशगार में किया गया।
मनीष कुमार वैष्णव, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, राजसमन्द ने बताया कि उक्त बैठक में प्राप्त 13 आवेदन पत्रों पर गहन विचार विमर्श करने हेतु कमेटी के समक्ष रखे गये जिनमे 2 पोक्सों के प्रकरणों में 5 लाख एवं 11 बालश्रम के प्रकरणों में 1 लाख 10 हजार रूपये, की अंतरिम पीड़ित प्रतिकर राशि स्वीकृत की गयी। इस प्रकार कुल 13 प्रकरणों में 6 लाख 10 हजार रूपये की राशि स्वीकृत की गयी। जिनमें से उन्होंन बताया कि राजस्थान पीड़ित प्रतिकर स्कीम, 2011 के अन्तर्गत हत्या, बलात्कार, लूट, एसिड अटैक आदि अपराध के परिणाम स्वरूप हानि या क्षति से ग्रस्त व्यक्तियों एवं उनके आश्रितों के पुनर्वास हेतु धारा 357क दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 एवं राजस्थान सरकार द्वारा लागू की गई इस स्कीम के अन्तर्गत ‘‘पीड़ित प्रतिकर निधि’’ के नाम से एक निधि का गठन किया गया है, जिसके तहत इस प्रकार के अपराध से पीडित पक्ष को अधिकतम 05 लाख रूपये तक की राशि प्रतिकर/पुनर्वास हेतु जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा प्रदान की जाती है। ऐसे मामलों में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज होने के उपरांत तत्काल अंतरिम सहायता प्रदान किये जाने के भी प्रावधान है।
बैठक में प्रकरणों में निःशुल्क विधिक सहायता
अनंत भंडारी अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (जिला एवं सेशन न्यायाधीश), राजसमन्द की अध्यक्षता में कार्यालय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में निःशुल्क विधिक सहायता के पूर्व में नियुक्त अधिवक्ता के आवेदन पत्रों के सम्बन्ध में विचार- विमर्श हेतु बैठक का आयोजन किया गया। उक्त बैठक में निःशुल्क विधिक सहायता हेतु पूर्व में नियुक्त अधिवक्ता के 06 आवेदनों पर विचार विमर्श के बाद अनुमोदन किया गया। साथ ही जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की बैठक में मध्यस्थता, लोक अदालत, पीड़ित प्रतिकर योजना, राष्ट्रीय लोक अदालत इत्यादि के सबंध में बैठक में विचार विमर्श पर किया गया एवं प्रभावी कार्यवाही हेतु निर्णय लिये गये।
’’प्राधिकरण सचिव ने किया कारागृह का निरीक्षण ’’
मनीष कुमार वैष्णव, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश), राजसमंद द्वारा जिला कारागृह का दिनांक 08.07.2022 को समय 03ः25 पीएम पर औचक निरीक्षण कर भोजन, सफाई इत्यादि की व्यवस्थाओं का जायजा लिया गया।
वैष्णव ने नवीन प्रवेशित बंदियों से संवाद किया गया। वक्त निरीक्षण कारागृह में 177 बंदी निरूद्ध मिलें जो कारागृह की बंदी क्षमता से लगभग तीन गुने अधिक है। कारागृह उपाधीक्षक द्वारा जानकारी दी गयी कि 30 बंदियांं का अन्यत्र कारागृह में स्थानांतरित किया जावेगा। बंदियों को सुबह नाश्ते में दलिया एवं दोपहर भोजन में मूंग की दाल, लोकी की सब्जी एवं चपाती दी गयी। कारागृह में शीतल पेयजल हेतु वाटर कूलर की व्यवस्था है। सभी बंदी पूर्णत स्वस्थ है। कारागृह प्रशासन द्वारा जानकारी दी गयी कि चिकित्सा विभाग द्वारा कारागृह में शिविर आयोजित कर बंदियों के कोविड 19 का टीका लगवा दिया गया है। वैष्णव ने विधिक सहायता क्लिनिक के सबंध में भी जानकारी ली। उन्हें निःशुल्क विधिक सहायता, नालसा लीगल सर्विस ऐप , मध्यस्थता, पीड़ित प्रतिकर, श्रमिक कल्याण की योजनाओं के बारे में जानकारी दी गयी।