- दीपावली से पहले चमक उठा पूरा जिला, लोगों ने घरों के साथ-साथ की मोहल्लों-सड़कों की भी सफाई
- आमजन की अपार सहभागिता से अभिभूत है प्रशासन :जिला कलक्टर
राजसमंद। जिला कलक्टर बालमुकुंद असावा की पहल पर जिले में आयोजित ‘स्वच्छ राजसमंद, स्वस्थ राजसमंद’ विशेष सफाई अभियान के अंतर्गत अंतिम दिन शुक्रवार को जिले की सभी आठ पंचायत समितियों के अंतर्गत आने वाले 206 ग्राम पंचायतों तथा जिले के एक नगर परिषद, सभी चार नगर पालिकाओं में स्वच्छता का एक अनोखा अध्याय लिखा गया। अभियान का उद्देश्य माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान की परिकल्पना को जिले में साकार कर जिले को स्वच्छ, स्वस्थ और सुंदर बनाना था। इस महाअभियान में आमजन, व्यापारी, किसान और हर वर्ग से जुड़े लोगों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया, जिससे यह एक ऐतिहासिक दिन बन गया। अभियान फीका न पड़े इसके लिए जिला कलक्टर असावा कई ग्राम पंचायतों में घूमे ही, साथ ही वॉट्सएप ग्रुप में भी दिनभर मॉनिटरिंग करते रहे। गूगल फ़ॉर्म के माध्यम से जिला परिषद में अभियान का डाटा भी एकत्रित किया गया।
राजसमंद जिले के हर कोने से लगभग 1 लाख 73 हजार से अधिक नागरिकों ने अपनी उपस्थिति दर्ज की और श्रमदान के माध्यम से समाज को एक नया संदेश दिया। राजीविका स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं का इसमें बड़ा योगदान रहा, कुल आँकड़ें 1 लाख 73 हजार में सभी एसएचजी समूहों की कुल 84 हजार 700 सदस्यों ने इसमें बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। जिला परिषद सीईओ बृजमोहन बैरवा ने बताया कि प्रत्येक पंचायत को इस अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए आवश्यक उपकरण दिए गए। इधर नगर परिषद और नगर पालिकाओं ने भी जेसीबी, ट्रैक्टर सहित कई संसाधन इस अभियान को समर्पित किए। प्रत्येक ग्राम पंचायत में नागरिकों ने अलग-अलग समूह बनाकर श्रमदान किया और अपने क्षेत्रों को स्वच्छ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस अभियान में बुजुर्गों, युवाओं, महिलाओं और बच्चों ने भी पूरे जोश के साथ हिस्सा लिया। इसने पूरे जिले में एक नई जागरूकता का संचार किया। प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान के सपने को साकार करते हुए इस महाअभियान ने स्वच्छता का एक नया मानक स्थापित किया है।
गाँव-गाँव जगी अलख, एक लाख से अधिक ने दी भागीदारी
नाथद्वारा में स्थानीय सफाई कर्मियों, समाजसेवियों ने आस-पास की जगहों और गली-मोहल्लों में सफाई की। लोगों ने प्लास्टिक कचरे को इकट्ठा करके सही ढंग से निस्तारित करने का कार्य किया। कुंवारिया में किसान और युवाओं ने मिलकर मुख्य बाजार और अन्य प्रमुख स्थानों पर सफाई अभियान चलाया। रेलमगरा में बच्चों ने अपने स्कूल के परिसर में सफाई की और पर्यावरण सुरक्षा का संदेश दिया। आमेट गांव में भी अलग-अलग जगहों पर लोग श्रमदान करते दिखे। ऐसे ही देवगढ़, भीम, केलवाड़ा, मोही, पीपली आचार्यान सहित विभिन्न गांवों में के तालाब और नहरों की सफाई का कार्य किया और बस स्टेंड, चिकित्सालय, प्रमुख गलियों, चौराहों की सफाई की।इसी तरह बामनटुकड़ा, बनाई, बड़ारदा, भाणा, भाटोली, भावा, बिनोल, बोराज, ढाईला, देवपूरा, इमरी, घाटी, केलवा, खटामला, काना देव का गुड़ा, महा सतियों की मादड़ी, मोही, मुंडोल, पड़ासली, पसूंद, पीपलांत्री, पीपरडा, पीपली आचार्यान, फरारा, पुठोल, राजयावास, सांगठ कला, साकरोदा, सुंदचा, तासोल में लोगों ने झाड़ू, तगारी उठाकर श्रमदान किया। ऐसे ही भीम ब्लॉक के अजीतगढ़, बरार, बाली, बड़जाल, बिलयावास, बोरवा, बलातों की गवार, चापली, दवेर, डूमजी का गाँव, कला गुमान, खेमा खेड़ा, कूकर खेड़ा, कुशालपुर, लाखागुड़ा, मंडावर आदि ग्राम पंचायतों में वार्ड पंचों से लगाकर समाजसेवियों, किसानों, महिलाओं ने बढ़ चढ़ कर सफाई अभियान में हिस्सा लिया।इसके साथ ही कुंभलगढ़ उपखंड के अंटालिया, बानोगरा, बरगाँव, गजपुर, गडभोर, काकरवा, कलिंजरा, करिया, केलवाड़ा, खरनोटा, कोयल, कुचोली, लम्बोरी, मोर्चा, ओरा,रिछेड़, सेवन्तरी, उमरवास ऊसर आदि ग्राम पंचायतों में सफाईकर्मियों और आमजन से मिलकर गांवों में सफाई करते हुए पुराने वेस्ट को हटाया। इसी तरह अन्य समस्त पंचायत समितियों की समस्त ग्राम पंचायतों में जगह-जगह श्रमदान कार्यक्रम हुए और एक लाख से अधिक लोगों ने इसे सफल बनाया।इधर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने भी सहभागिता निभाई, जिला चिकित्सालयों के साथ-साथ सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, उप स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सकों, नर्सिंग स्टाफ और अन्य कर्मचारियों ने अस्पताल परिसरों की सफाई की। स्कूलों में अध्यापकों और बच्चों ने मिल कर श्रमदान किया। हर वर्ग इसमें शामिल होता हुआ दिखा।लूनदा, खंडेल, मोही सहित कई गांवों में कलक्टर ने उठाई गेती-फावड़ा
जिला कलक्टर ने इस अभियान की सफलता पर कहा, “हमारा उद्देश्य राजसमंद को स्वच्छ और स्वस्थ बनाना है। स्वच्छ भारत अभियान की परिकल्पना को साकार करते हुए हम प्रयास करते रहेंगे कि जिला स्वच्छ रहे। इस महाअभियान ने न केवल राजसमंद में स्वच्छता की अलख जगाई बल्कि नागरिकों में एक नई ऊर्जा का संचार भी किया।अभियान के दौरान राजसमंद के जिला कलक्टर ने भी व्यक्तिगत रूप से जैसे लूनदा, खंडेल, मोही सहित अन्य ग्राम पंचायतों का दौरा किया और लोगों के बीच स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाने का प्रयास किया। उनकी उपस्थिति ने न केवल लोगों का हौसला बढ़ाया, बल्कि यह भी संदेश दिया कि स्वच्छता हम सभी की जिम्मेदारी है। उन्होंने अपनी गहरी संजीदगी का परिचय देते हुए कई जगहों पर हाथों में फावड़ा और झाड़ू थामकर सफाई की और लोगों को इस महाअभियान में शामिल होने के लिए प्रेरित किया।कलक्टर ने दौरा करते हुए वहां के नागरिकों के साथ मिलकर सड़कों और सार्वजनिक स्थानों की सफाई की। उनके इस स्वच्छता कार्य में बुजुर्ग, युवा, बच्चे और महिलाएं भी शामिल हुए, जिससे पूरे माहौल में एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार हुआ। आमजन को यह देखकर प्रेरणा मिली कि जब एक अधिकारी खुद सफाई कर सकता है, तो स्वच्छता के प्रति हमारी जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। कलेक्टर ने इस अवसर पर कहा, “हमारा यह कर्तव्य है कि हम अपने क्षेत्र को स्वच्छ बनाए रखें। इस अभियान का उद्देश्य केवल एक दिन की सफाई नहीं, बल्कि एक निरंतर आदत को विकसित करना है।” उनकी यह सोच और सक्रिय भागीदारी न केवल इस अभियान को सफल बनाने में सहायक रही, बल्कि जिले में स्वच्छता के प्रति एक नई जागरूकता लाने में भी महत्वपूर्ण रही।अभियान के तहत यह रहा जन सहभागिता का आंकड़ास्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के जिला परियोजना समन्वयक नानालाल सालवी ने बताया कि अभियान में कुल 1,73,800 लोगों ने भाग लिया। इसमें पंचायतसमिति वार देखें तो रेलमगरा में 27450, खमनोर में 19250, आमेट में 17400, राजसमंद में 29950, कुंभलगढ़ में 32100, डेलवादा में 11600, देवगढ़ में 14500, भीम में 21550 ने भाग लिया। इसमे राजीविका एसएचजी की 84700 महिलाओं की भागीदारी रही। एसएचजी का पंचायतसमिति वार देखें तो रेलमगरा में 16600, खमनोर में 6900, आमेट में 10900, राजसमंद में 17200, कुंभलगढ़ में 14000, देलवाड़ा में 6800, देवगढ़ में 4100, भीम में 8200 ने भाग लिया। उन्होंने बताया कि इस दौरान कुल 1 करोड़ 45 हजार प्लास्टिक कलेक्शन, 1895 लिगसी वेस्ट हटाने का कार्य किया गया। इसी तरह ड्रेनेज, सड़कों, झाड़ियाँ हटाने, सार्वजनिक शौचालयों की सफाई, बस स्टेंड सहित कई मोहल्लों, चिकित्सालयों आदि की व्यापक रूप से सफाई की गई।अभियान के दौरान जिला परिषद सीईओ बृजमोहन बैरवा ने भी विभिन्न गांवों का दौरा कर स्वच्छता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाई। उन्होंने ग्रामीणों के साथ मिलकर श्रमदान किया और जगह-जगह सफाई में योगदान दिया। बृजमोहन बैरवा ने आमजन को संबोधित करते हुए स्वच्छता के महत्व पर जोर दिया और उनसे अपील की कि वे अपने आस-पास की सफाई बनाए रखें। उन्होंने कहा कि स्वच्छता सिर्फ एक दिन का काम नहीं, बल्कि इसे हमारी दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिए, ताकि हमारा राजसमंद हर दृष्टि से स्वच्छ और सुंदर बन सके। उनकी इस प्रेरणादायक भागीदारी ने ग्रामीणों को स्वच्छता अभियान में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रेरित किया।स्वच्छता अभियान से बदली राजसमंद की तस्वीर
राजसमंद जिले में आयोजित “स्वस्थ राजसमंद, स्वच्छ राजसमंद” अभियान ने स्वच्छता की एक नई मिसाल कायम की, जिससे पूरे जिले की तस्वीर बदली। इस अभियान के तहत उन स्थानों पर विशेष ध्यान दिया गया जहाँ लंबे समय से सफाई की आवश्यकता थी। गंदे पड़े नालों की सफाई की गई, जिससे जलनिकासी व्यवस्था बेहतर हुई और आसपास के क्षेत्रों में स्वच्छता बनी। साथ ही, इन नालों की सफाई से जलभराव की समस्या से भी निजात मिली, जो बरसात के दिनों में एक बड़ा मुद्दा था। अभियान की यह पहल न केवल स्वास्थ्य के लिहाज से महत्वपूर्ण रही, बल्कि इन क्षेत्रों में नए सिरे से ऊर्जा का संचार हुआ।गांवों में स्थित तालाबों की सफाई भी इस अभियान का एक अहम हिस्सा रही। ग्रामीण क्षेत्रों के इन जलस्रोतों को कचरे और गंदगी से मुक्त करने के लिए विशेष टीमों ने लगातार मेहनत की। कुछ तालाबों के किनारे जहां पहले कूड़े और पॉलिथीन का ढेर लगा रहता था, अब वहां स्वच्छता और सुंदरता नजर आ रही है। इन तालाबों के पुनर्जीवित होने से न केवल जलस्रोतों की स्वच्छता सुनिश्चित हुई, बल्कि आसपास के गांवों में पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी गया। तालाबों के किनारों पर लगाए गए कचरा संग्रहण डिब्बों ने लोगों को कचरे को सही तरीके से निपटाने की आदत भी सिखाई।
अभियान के दौरान जिले के कई सार्वजनिक स्थानों से पुराने कचरे के ढेर हटाए गए। मुख्य बाजारों, सड़क किनारों और गली-मोहल्लों में लंबे समय से जमे कचरे को साफ कर दिया गया, जिससे इन इलाकों में अब एक साफ-सुथरी और आकर्षक तस्वीर दिखाई देती है। पॉलिथीन के उपयोग पर भी खास ध्यान दिया गया, और जगह-जगह बिक रही पॉलिथीन को हटाने का काम किया गया। प्लास्टिक मुक्त क्षेत्र बनाने की इस पहल ने स्थानीय व्यापारियों और दुकानदारों में भी एक नई जागरूकता का संचार किया, जिससे जिले के पर्यावरण को दीर्घकालिक लाभ मिलेगा।
इन सफाई अभियानों का प्रभाव इतना व्यापक और सकारात्मक रहा कि पूरे जिले की तस्वीर में एक नई रौनक छा गई है। ग्रामीण हों या शहरी क्षेत्र, हर तरफ स्वच्छता और सुंदरता का माहौल है। आमजन का इसमें सक्रिय सहयोग देखना अपने आप में प्रेरणादायक है। इस महाअभियान ने यह सिद्ध कर दिया कि जब एकजुट होकर समाज किसी अभियान में भागीदारी निभाता है, तो बड़े से बड़े बदलाव आसानी से किए जा सकते हैं। अब राजसमंद में स्वच्छता सिर्फ एक पहल नहीं, बल्कि एक आंदोलन बन गया है, जो आने वाले समय में जिले के विकास और स्वच्छता को और ऊंचाइयों पर ले जाएगा।
पहली बार इतने बड़े स्तर पर आम लोगों ने मिलकर किया सफाई कार्य
जिले में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर स्वच्छता का ऐसा आयोजन हुआ, जिसमें एक लाख से अधिक लोगों ने एक साथ मिलकर श्रमदान किया और स्वच्छता का संदेश फैलाया। स्वस्थ राजसमंद, स्वच्छ राजसमंद नामक इस ऐतिहासिक अभियान में लोगों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। इस अनोखी पहल ने लोगों में एक नई जागरूकता का संचार किया।अभियान में आमजन, व्यापारी, किसान, विद्यार्थी, महिला संगठन और युवा वर्ग ने अपनी सहभागिता दिखाई और अपने-अपने क्षेत्रों में सफाई कार्य किया। अभियान के दौरान ग्रामीण इलाकों के नालों की सफाई, तालाबों का पुनरुद्धार, कचरे के ढेरों को हटाना और सार्वजनिक स्थानों से पॉलिथीन का निपटारा करना जैसे कार्य किए गए। इस सहयोगी प्रयास ने पूरे जिले की स्वच्छता में न केवल योगदान दिया, बल्कि इसके माध्यम से नागरिकों ने अपने इलाके को सुंदर बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
जिला कलेक्टर ने कहा, “इतने बड़े स्तर पर आमजन का एक साथ श्रमदान करना, हमारे जिले के लिए एक गर्व का क्षण है। यह पहल हमें याद दिलाती है कि अगर हम सभी मिलकर काम करें, तो बड़े बदलाव संभव हैं। यह अभियान केवल एक दिन की सफाई तक सीमित नहीं है; इसका उद्देश्य लोगों में स्वच्छता के प्रति एक स्थायी आदत डालना है।” राजसमंद जिले के लोग इस अभियान से इतने प्रभावित हुए कि सभी ने इसे जारी रखने और अपने-अपने गांवों को स्वच्छ बनाए रखने का संकल्प लिया। इस अभियान से जिले में स्वच्छता के प्रति एक नई सोच और अनुशासन का संचार हुआ है, और यह साफ है कि राजसमंद अब स्वच्छता के इस आंदोलन को दीर्घकालिक रूप से बनाए रखने की दिशा में आगे बढ़ेगा।
राजसमंद में औपचारिकता नहीं, जन जन का अभियान बना स्वच्छता
आमतौर पर सरकारी अभियान कई बार औपचारिकता बनकर रह जाते हैं, लेकिन स्वस्थ राजसमंद, स्वच्छ राजसमंद अभियान ने एक मिसाल पेश की है। इस अभियान में प्रशासन के साथ-साथ आम जनता ने जिस उत्साह और समर्पण के साथ हिस्सा लिया, उसने इसे एक सरकारी औपचारिकता से बढ़कर एक जन आंदोलन बना दिया। लोगों ने इसे एक सामूहिक जिम्मेदारी के रूप में स्वीकार किया और खुद अपने क्षेत्रों की सफाई के लिए आगे आए। इस पहल ने दिखाया कि जब किसी अभियान में जनता का सक्रिय योगदान होता है, तो वह अभियान सफल और दीर्घकालिक हो जाता है।इस अभियान की खास बात यह रही कि हर वर्ग, चाहे वह व्यापारी हो, किसान, गृहणी या छात्र, सभी ने मिलकर इसे एक साझा प्रयास के रूप में देखा। ग्रामीण क्षेत्रों में, जहां सफाई के प्रति जागरूकता और संसाधनों की कमी होती है, लोगों ने खुद आगे आकर अपने आस-पास के इलाकों को साफ किया। किसी ने अपने खेतों के पास के नालों की सफाई की, तो किसी ने मुख्य बाजारों से कचरे को हटाया। यह एक ऐसा नजारा था, जिसमें हर व्यक्ति इस अभियान का एक हिस्सा महसूस कर रहा था। इससे अभियान को न केवल भौगोलिक रूप से, बल्कि भावनात्मक रूप से भी मजबूती मिली।
इस महाअभियान की सफलता ने यह साबित कर दिया कि जब लोग किसी उद्देश्य के साथ पूरी ईमानदारी से जुड़ते हैं, तो वह उद्देश्य केवल एक औपचारिकता नहीं रह जाता, बल्कि समाज का हिस्सा बन जाता है। “स्वस्थ राजसमंद, स्वच्छ राजसमंद” की यह भावना जिले में स्वच्छता को लेकर एक नई शुरुआत का प्रतीक बन चुकी है। यह स्पष्ट हो गया है कि स्वच्छता की दिशा में किए गए इस सामूहिक प्रयास ने जन-जन को प्रेरित किया है, और इस पहल के सकारात्मक परिणाम आने वाले दिनों में भी नजर आते रहेंगे।