राज्य सरकार ने शुरू की मुख्यमंत्री आयुष्मान जीवन रक्षा योजना, सड़क दुर्घटनाओं में घायल व्यक्तियों को त्वरित इलाज होगा सुनिश्चित
आलेख – प्रवेश परदेशी, जिला सूचना एवं जनसम्पर्क अधिकारी, राजसमंद
राजसमंद। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए ‘मुख्यमंत्री आयुष्मान जीवन रक्षा योजना’ की शुरुआत की है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं में घायल व्यक्तियों को ‘गोल्डन ऑवर’ में चिकित्सा सुविधा प्रदान करना है, जिससे उनकी जान बचाई जा सके। इस पहल के तहत घायल व्यक्ति को निकटतम चिकित्सा संस्थान में पहुंचाने वाले भले व्यक्ति को 10,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
योजना के तहत सरकार ने निर्देश दिए हैं कि सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को चिकित्सा सुविधा प्रदान करने में मदद करने वाले हर नागरिक को सम्मानपूर्वक व्यवहार किया जाएगा। योजना का संचालन चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया जाएगा, और इसका पूरा खर्चा सड़क सुरक्षा कोष से वहन किया जाएगा।
योजना का ऐसे होगा क्रियान्वयन
राज्य में यदि कोई भला व्यक्ति सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को निकटतम अस्पताल या ट्रॉमा सेंटर में पहुंचाता है, तो उसे 10,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इस योजना के तहत भले व्यक्ति को उनकी पहचान और अन्य विवरण अस्पताल के इमरजेंसी रूम में कार्यरत चिकित्सा अधिकारी द्वारा दर्ज किए जाएंगे। यदि घायल व्यक्ति गंभीर स्थिति में है, तो प्रोत्साहन राशि के साथ एक प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किया जाएगा। यदि कई लोग मिलकर मदद करते हैं, तो प्रोत्साहन राशि समान रूप से विभाजित की जाएगी।
पंद्रह दिनों में होगा शिकायत का निवारण
योजना का लाभ उठाने के लिए भले व्यक्ति को स्वेच्छा से अपनी पहचान देनी होगी। हालांकि, 108 एंबुलेंस, 1033 एंबुलेंस, निजी एंबुलेंस के कर्मचारी, पीसीआर वैन और ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। इसके अतिरिक्त, घायल व्यक्ति के परिवार के सदस्यों को भी योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा।
योजना के तहत किसी भी शिकायत का निवारण जिला स्तर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा 15 दिनों के भीतर किया जाएगा। यदि शिकायत का समाधान नहीं होता है, तो अंतिम अपील संयुक्त निदेशक, (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं) संभागीय स्तर पर की जा सकेगी।
हर वर्ष 5 करोड़ का बजट, योजना की प्रभावी निगरानी
योजना के सुचारू क्रियान्वयन के लिए हर वर्ष 5 करोड़ रुपये का बजट सड़क सुरक्षा कोष से निदेशक (जन स्वास्थ्य) को अग्रिम आवंटित किया जाएगा। आवश्यकता पड़ने पर अतिरिक्त बजट भी उपलब्ध कराया जाएगा। किसी भी अस्पताल द्वारा योजना का दुरुपयोग करने पर जिला कलक्टर या मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा संबंधित अस्पताल के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की इस पहल का उद्देश्य न केवल दुर्घटना पीड़ितों को समय पर चिकित्सा सहायता पहुंचाना है, बल्कि लोगों को भी इस दिशा में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित करना है। इस योजना से उम्मीद की जा रही है कि राज्य में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों में कमी आएगी और समय पर इलाज मिलने से घायल व्यक्तियों की जान बचाई जा सकेगी।