राजसमंद @RajsamandTimes। आचार्य महाश्रमण के आज्ञानुवर्ती शासन श्री मुनि रविंद्र कुमार और मुनि अतुल कुमार सोहनलाल कच्छारा के निवास स्थान पर विराज रहे हैं। रात्रि कालीन प्रवचन माला में मुनि अतुल कुमार ने कहा जिस घर में ज्यादातर समय पारिवारिक सदस्यों में बहसबाजी या लड़ाई झगड़े होते हैं, वहां महालक्ष्मी कभी वास नहीं करती और घर में कोई ना कोई समस्या बनी रहती है।
परिवार जीवन का अभिन्न अंग होता है, जहां बिना शर्त प्रेम, सुरक्षा और अधिकार आदि ऐसी चीजें मिलती हैं, जो दूसरी जगह नहीं मिल पाती। पारिवारिक कलहों के पीछे कोई ठोस वज़ह तो नहीं होती लेकिन छोटी-छोटी बातों की वज़ह से ही सुख-शांति के माहौल में तनाव फैल जाता है। घर में इस तरह के माहौल से पारिवारिक सदस्यों को मानसिक, शारीरिक और आर्थिक रूप से नुकसान का सामना करना पड़ता है ।साथ ही घर के बच्चों पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। परिवार का तनाव आदमी को अंदर तक खोखला कर देता है।परिवार के सदस्य हों या दूसरे लोग हर किसी से झगड़े की वज़ह स्वार्थ, लालच, सहनशीलता का अभाव, ईर्ष्या, नाइंसाफी, वफादारी का अभाव, चारित्रिक पतन ,झूठ बोलना गलत संगति, किए हुए उपकार को ना मानना है। आमतौर पर हम सभी हर किसी से किसी न किसी स्वार्थ की वज़ह से बंधे होते हैं। जब इस स्वार्थ पूर्ति में बाधा उत्पन्न होती है तो हमारे स्वार्थ टकराने लगते हैं और झगड़ा होता है। यदि सामने वाला हमसे ताकतवर होता है तो प्रायः लोग झगड़ा टाल देते हैं। ये सोचते हुए की जल में रहकर मगर से वैर नहीं किया जाता। अनेक लोग ईर्ष्या की भावना रखते हुए झगड़े के लिए मौके की तलाश में रहते हैं। उनसे दूसरे की खुशी देखी नहीं जाती। वे दुनिया की सारी खुशियां केवल अपनी झोली में देखना चाहते हैं। आज के समय में पति-पत्नी के बीच झगड़े की अन्य वज़हों में से एक वजह एक दूसरे के प्रति वफादारी और समर्पण का अभाव भी है। जब परिवार का कोई सदस्य या अन्य कोई दूसरा झूठ बोलता है तो उससे झगड़ा होना स्वाभाविक है। झूठ बोलने वाले झूठ बोलते समय खुद को शातिर दिमाग समझते हैं। जबकि आज का लगभग हर इंसान कुछ देर से ही सही लेकिन झूठ पकड़ता अवश्य है, जो झगड़े की वज़ह बनता है। जब इंसान गलत संगति में पड़ जाता है तो वह अपने को सही साबित करते हुए बात-बात पर झगड़ना शुरू कर देता है। इस दुनिया में घर या बाहर जितने भी लड़ाई झगड़े हुए हैं इनके मूल में नाइंसाफी एक बड़ी वजह रही है। महाभारत का युद्ध हो या भाई भाई के बीच लड़ाई, सबकी वज़ह के पीछे कहीं ना कहीं नाइंसाफी है। कभी-कभी परिवार में माता-पिता का झुकाव किसी एक कमज़ोर संतान की ओर ज्यादा होने पर भी कभी-कभी दूसरी संतान या उसका जीवनसाथी झगड़ा करते हैं।
मुनि रविंद्र कुमार ने मंगल पाठ सुनाया। प्रवचन में काफी अच्छी संख्या में लोग उपस्थित रहे।