Rajsamand@राजसमन्द टाइम्स। हिन्दुस्तान जिंक के राजपुरा दरीबा काॅम्प्लेक्स में निकट भविष्य में वनों के विकास के लिए 1 हेक्टेयर क्षेत्र में औषधिय, पौध एवं लता श्रेणी के साथ मियावाकी पद्धति से पौधरोपण किया गया।
12 हजार से अधिक पौध एवं 6 हजार बीजों से किया गया यह सघन पौधरोपण पारिस्थितिकी तंत्र विकसित होगा जो कि 3 वर्षो बाद आत्मनिर्भर मॉडल होगा। पौधरोपण में करीब 75 प्रजाति के पौधे सभी देशी किस्म के रोपित किये गये है।
राजपुरा दरीबा काॅम्प्लेक्स के आईबीयू सीईओ विनोद जांगिड़, दरीबा स्मेल्टिंग काम्प्लेक्स के हेड राजेंद्र अग्रवाल, यूनिट हेड सुब्रत मंडल, सिविल हेड हरि कृष्ण भांजा, एचआर हेड अक्षत यादव एवं डीएससी के पर्यावरण प्रमुख विवेक कुमार ने पौधरोपण कर कार्यक्रम की शुरूआत की। बिजनेस पार्टनर मेसर्स एमएम एग्रो ने इस परियोजना के लिए गई प्रजातियों और इस पौधरोपण से भविष्य में होने वाले लाभ के बारे मे जानकारी दी। मियावाकी पद्धति से किये गये पौधरोपण के 3 वर्षो बाद देखरेख की आवश्यकता नही होगी एवं सघन होने से पर्यावरण को लाभ होगा।