जयपुर। राज्य सरकार ने एक आदेश जारी कर राज्य स्तरीय जन अभियोग निराकरण समिति का पुनर्गठन किया है।
शासन उप सचिव, प्रशासनिक सुधार विभाग की ओर से जारी आदेशानुसार इस समिति में जन अभियोग निराकरण समिति के अध्यक्ष सहित राज्य सरकार की ओर से मनोनीत एक लोकसभा अथवा राज्यसभा के सदस्य, दो विधानसभा सदस्य एवं एक जिला प्रमुख भी शमिल किये हैं। इनके अलावा जन अभियोग निराकरण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख शासन सचिव अथवा शासन सचिव भी समिति में सदस्य के रूप में शामिल किये गये हैं।
इसी प्रकार निदेशक, लोकसेवाएं एवं पदेन संयुक्त शासन सचिव, जन अभियोग निराकरण विभाग एवं प्रत्येक संभाग से राज्य सरकार द्वारा मनोनीत प्रतिष्ठित सामाजिक व्यक्ति जिनकी संख्या सात होगी उनको भी समिति में सदस्य बनाया गया है। इसी तरह अनुसूचित जाति,जनजाति, महिला सामाजिक कार्यकर्ता, अल्पसंख्यक श्रेणी का व्यक्ति एवं अन्य पिछाड़ा वर्ग श्रेणी के भी एक-एक व्यक्ति को समिति में सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। उक्त सभी वर्गों के व्यक्ति भी राज्य सरकार द्वारा मनोनीत किये जायेंगे।
इस राज्य स्तरीय समिति के प्रमुख कार्यों में विभिन्न विभागों में जन अभियोग के बकाया प्रकरणों का अवलोकन कर समीक्षा करने के साथ इसके कारणों का विश्लेषण किया जायेगा। साथ ही प्रशासन के सभी स्तरों यथा विभाग, जिला, उपखण्ड़, पंचायत समिति एवं ग्राम पंचायत के स्तर पर आमजन, संस्थाओं एवं संगठनों से प्राप्त परिवादों का समयबद्ध निस्तारण के लिए प्रारूप विकसित करने के साथ दिशा-निर्देश जारी करने का कार्य भी समिति द्वारा किया जायेगा।
यह समिति जन अभियोगों का समयबद्ध सीमा में त्वरित निस्तारण की कार्यवाही करने की अभिशंषित प्रारूप के अनुरूप क्रियान्विति के स्तर की निगरानी की कार्यवाही एवं निस्तारण भी सुनिश्चित करेगी। इसके साथ ही जनप्रतिनिधियों से समन्वय स्थापित कर उनसे फीडबैक लेने एवं आवश्यकतानुसार जन अभियोग निराकरण की प्रकिया में परिवर्तन करने का कार्य भी समिति ही करेगी। आदेशानुसार राजस्थान सम्पर्क पोर्टल में दर्ज प्रकरणों की समीक्षा करना एवं निस्तारण हेतु सुझाव देने का कार्य भी समिति ही प्रेषित करेगी।
इनके अतिरिक्त मुख्यमंत्री सचिवालय के जन अभियोगों का पर्यवेक्षण भी उक्त समिति द्वारा किया जायेगा। इसी तरह उक्त समिति अभियोग,शिकायतों की संख्या एवं प्रकृति के आधार पर किसी भी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख शासन सचिव, शासन सचिव अथवा विभागाध्यक्ष को अपनी बैठक में आमंत्रित कर सकेगी। इस समिति का प्रशासनिक विभाग जन अभियोग निराकरण विभाग होगा।