राजस्थान कांग्रेस प्रभारी व राष्ट्रीय महासचिव अजय माकन द्वारा पत्रकार शकील अख्तर के ट्वीट को रिट्वीट करने से लगता है कि आजादी के बाद से अब तक कांग्रेस जनसाधारण कि पार्टी ना होकर एकमात्र गांधी नेहरू परिवार की ही संपत्ति है । अजय माकन द्वारा शकील अख्तर के ट्वीट को रिट्वीट किया उसमें साफ लिखा था कि जिन राज्यों में कांग्रेस की सरकार बनी है,एकमात्र गांधी नेहरू परिवार की वजह से ही है। इसका मतलब है कि राज्यों में बनी सरकार में वहां के मुख्यमंत्री का कोई योगदान नहीं है । इस ट्वीट में साफ लिखा है कि राज्य के नेताओं में इतना दम नहीं है कि वह अपने अपने दम पर कांग्रेस की सरकार बना सकें कांग्रेस को जीता सकें चाहे वह राजस्थान के अशोक गहलोत हो या पंजाब के कैप्टन अमरिंदर सिंह या दिल्ली की दिवंगत मुख्यमंत्री शीला दीक्षित व अन्य राज्य का कोई नेता।जिन राज्यों में कांग्रेसी सरकार बनी है वहां के मुख्यमंत्री समझ रहे हैं कि यह सरकार इन के दम पर बनी है।
राष्ट्रीय महामंत्री राजस्थान प्रभारी अजय माकन द्वारा ऐसे ट्वीट को जिसमें राज्य के नेताओं को गौण और गांधी परिवार को ही मुख्य बताया गया, रिट्वीट करना यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।
यह सर्वविदित है कि आज कांग्रेस के पास अपना कोई पूर्णकालिक अध्यक्ष नहीं है पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में लड़े लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की क्या हालत हुई यह किसी से छिपी नहीं है। राहुल गांधी की क्षमताओं के बारे में अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा बता चुके हैं कि वह इतने सक्षम नहीं है की अपने दम पर कुछ कर सके। जहां तक बात प्रियंका वाड्रा गांधी की है तो वह भी यूपी विधानसभा चुनाव व 2019 लोकसभा चुनाव में ऐसा कुछ नहीं कर पाई जिससे यह लगे कि कि राष्ट्रीय नेतृत्व बहुत मजबूत है बिना राज्य के नेताओं के वह अपने दम पर कांग्रेस को स्थापित कर सकें। राहुल गांधी में क्षमता होती तो वह अमेठी चुनाव नहीं हारते ना ही उन्हें वायनाड जाकर सांसद बनना पड़ता।
सभी जानते हैं कि लोकसभा चुनाव राष्ट्रीय नेतृत्व के नाम पर और विधानसभा चुनाव राज्य के नेतृत्व लड़ा जाता है गांधी परिवार के नाम पर 2014 वह 2019 लोकसभा चुनाव लड़े गए उनका क्या परिणाम रहा यह सभी जानते हैं।जहां तक बात राज्यों की करें तो यह साफ है कि यदि पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह व राजस्थान में सचिन पायलट व गहलोत नहीं होते तो कांग्रेस सरकार बनना एक सपना रह जाता।वर्तमान समय में कांग्रेस आलाकमान ने जिस तरह पंजाब में कैप्टन को दरकिनार कर पूर्व भाजपा सांसद व नेता नवजोत सिंह सिद्धू जो मात्र अपनी हंसी ठहको पर भीड़ इकट्ठी करते है उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाकर कैप्टन की अनदेखी की है। आलाकमान के इस फैसले से पंजाब के जमीनी स्तर के कांग्रेसी नेता भी नाराज है।सिद्धू को कांग्रेस में आये महज कुछ समय हुआ है और उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। सिद्धू ने अपनी ही सरकार के विरुद्ध हल्ला बोल मचा रखा था जिससे मुख्यमंत्री नाराज थे इन सभी की परवाह किए बगैर उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया जबकि सभी को पता है कि पंजाब में सरकार एकमात्र कैप्टन अमरिंदर सिंह के ही कारण बनी है, अब कैप्टन की अनदेखी करना आने वाले चुनाव में कांग्रेस को नुकसानदेह हो सकता है।
माकन द्वारा ऐसे ट्वीट को जिसमें अपने ही राज्य के नेताओं को कमजोर बताया गया उसे रिट्वीट करना क्या यह बताता कि कांग्रेस ही गांधी परिवार है और गांधी परिवार ही कांग्रेस है।
माकन जो कि राजस्थान के प्रभारी हैं पर उन्होंने राजस्थान की धरती को और संगठन को पहचाना नहीं वरना वह ऐसा ट्वीट जिसमें गहलोत की क्षमता ऊपर प्रश्न लगे संभव नहीं है।गांधी नेहरु ही कांग्रेस की महिमा वाले संदेश से कांग्रेस पर परिवारवाद के आरोप लगते हैं उसकी पुष्टि हो रही है जो कांग्रेस के लिए काफी नुकसानदेह होगा और राज्यों के नेता भी उदासीन होंगे जिससे कांग्रेस को काफी क्षति पहुंचने की संभावना है।