स्कूलों के पास स्पीड लिमिट 30 किमी प्रति घंटा करने की सिफारिश
कैम्पेन को समर्थन देने वाली पहली नेता
राजसमन्द। सांसद दीया कुमारी ने शुक्रवार को ‘लव 30 कैम्पेन’ का पोस्टर लॉन्च किया। वह इस कैम्पेन को अपना समर्थन देने वाली पहली नेता और प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं। इस कैम्पेन का उद्देश्य विश्व के शहरों में वाहनों की गति को 30 किमी प्रति घंटे तक सीमित करना है, जिससे कि दुर्घटनाएं कम होंगी और सभी वर्गों के लोगों के लिए रहने योग्य सड़कें बन सकेंगी। कैंपेन’ को डब्ल्यूएचओ, संयुक्त राष्ट्र और गैर सरकारी संगठनों के ग्लोबल एलायंस का समर्थन मिल रहा है और साथ ही इसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूती हासिल की है। इसी पहल के तहत, ‘मुस्कान फाउंडेशन फॉर रोड सेफ्टी’ इस कैम्पेन के लिए जागरूकता पैदा करने के लिए जयपुर के स्कूलों के साथ मिलकर काम कर रहा है। इस अवसर पर मुस्कान की ट्रस्टी, मृदुल भसीन और द पैलेस स्कूल की प्रिंसिपल श्रीमती उर्वशी वर्मन उपस्थित रहीं।
इस अवसर पर, सांसद दीया कुमारी ने कहा, “सड़क दुर्घटनाएं विश्व भर में अप्राकृतिक मौतों का प्रमुख कारण हैं। शहरों में स्पीड लिमिट कम करने से लोगों की जान बचाने में मदद होगी। इसलिए, उन क्षेत्रों में जहां लोग रहते हैं, घूमते-फिरते और खेलते हैं, वहां पर स्पीड लिमिट को कम करने पर जोर देने की आवश्यकता है। हमें डब्ल्यूएचओ, संयुक्त राष्ट्र और गैर सरकारी संगठनों के ग्लोबल एलायंस का समर्थन करने में प्रसन्नता हो रही है। मैं जयपुर के स्कूलों के साथ मिलकर ‘लव 30 कैम्पेन’ का प्रचार करने के लिए ‘मुस्कान फाउंडेशन फॉर रोड सेफ्टी’ की भी प्रशंसा करती हूं। शहरी क्षेत्रों में 30 किमी प्रति घंटे की स्पीड लिमिट निर्धारित करने से सभी उम्र के लोगों के लिए सड़कें सुरक्षित हो जाएंगी और दुर्घटनाएं भी कम होंगी।”
मुस्कान की ट्रस्टी, मृदुल भसीन ने कहा कि “ऐसे स्थलों पर जहां कम गति को लागू करने की आवश्यकता है, वहां अधिसूचना जारी करने और चिन्ह लगाने के लिए हम जयपुर कलेक्टर और आयुक्त, जयपुर विकास प्राधिकरण से संपर्क करेंगे। यह सिद्ध हो चुका है कि 1 किमी प्रति घंटा की औसत स्पीड में वृद्धि से दुर्घटना का जोखिम 3 प्रतिशत अधिक बढ़ जाता है और मृत्यु दर में 4-5 प्रतिशत की वृद्धि होती है।”
मुस्कान का उद्देश्य स्कूलों से शुरू करते हुए कानून को जयपुर शहर में लागू करना है। उल्लेखनीय है कि, भारत 2020 में स्टॉकहोम, स्वीडन में आयोजित तीसरे मंत्रिस्तरीय वैश्विक सड़क सुरक्षा सम्मेलन का हाल ही में हस्ताक्षरकर्ता बना है, जहां स्टॉकहोम घोषणा पारित की गई थी।घोषणा का बिंदु 11 स्पीड मैनेजमेंट पर ध्यान केंद्रित करता है, जिसमें कहा गया है कि प्रवर्तन को उन क्षेत्रों में अधिकतम 30 किमी/घंटा की गति को अनिवार्य करना चाहिए जहां सड़क पर चलने वाले वाहनों और लोगों को अधिक खतरा होता है। इसके अलावा, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, दिल्ली ने स्कूलों, अस्पतालों और निर्माणाधीन क्षेत्र में गति कम करने के संबंध में 27 जून को एक गज़ट अधिसूचना जारी की थी, जहां सड़क पर पैदल चलने वाले लोगों की और वाहनों की आवाजाही होती है।