राजसमंद/खमनोर। महाराणा प्रताप की रणभूमि हल्दीघाटी में गाय को बघेरे के मुंह से बचाने का एक युवक द्वारा किया गया सफल प्रयास बड़ी बहादुरी काम है।
जानकारी के अनुसार युवक देवीसिंह निवासी मोलेला 9 मई को किसी आवश्यक कार्य से अपने मित्र के साथ हल्दीघाटी होकर कालोडा जा रहा था। अचानक नर्सरी से आगे उसने एक बघेरे को गाय पर हमला करते देखा तो वह रुक गया एवं पत्थर फेंक कर उसे भगाने का प्रयास करने लगा। बघेरे ने गाय को गर्दन से पकड़ कर नीचे गिरा दिया था। युवक ने आते जाते लोगों से रुककर गाय को बचाने हेतु मदद की गुहार भी लगाई लेकिन बघेरे को देख डर के मारे कोई रुकने को तैयार नहीं हुआ। इसी दौरान एक मिल्क वेन वाला माजरे को समझ कर युवक के आग्रह पर गाड़ी एकदम बघेरे के नजदीक ले गया। अचानक वाहन देख बघेरा गाय को छोड़ जंगल मे भाग गया। गाय को बचा लिया गया। युवक के अनुसार पास के ही आदिवासी परिवार की गायें चरने आई हुई थी। एक गाय पर बघेरे ने हमला किया था। बघेरे के पंजे एवं दांत लगने से गाय बुरी तरह घायल होकर भी जीवन बचाने में सफल रही जिसे उसका मालिक साथ घर ले गया ।
उल्लेखनीय है कि हिन्दू मान्यता अनुसार गाय को माता का दर्जा दिया जाता रहा है। वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप द्वारा भी पानी पीने आई गाय पर शेर द्वारा हमला किये जाने पर शेर को मार गिराने की कहानी भी इतिहास में अंकित है। संयोग से जिस दिन यह घटना हुई ,उस दिन अंग्रेजी दिनांक के अनुसार 9 मई को महाराणा प्रताप की भी जन्म दिनांक रही।