राजसमन्द । राजसमन्द पुलिस ने 6 जून 2019 रात वैवर महादेव पर आकर रूके महात्मा दिनेशगिरी की हत्या के आरोपियों को केस आॅफिसर स्कीम के तहत पैरवी कर आजीवन कारावास की सजा दिलाने में सफलता प्राप्त की है।
पुलिस अधीक्षक जिला राजसमंद भुवन भूषण यादव ने बताया कि सात जून 2019 को प्रार्थी लक्ष्मणसिंह निवासी पुलिस चौकी के पीछे गांधी नगर आमेट कि रिपोर्ट अनुसार वैवर महादेव मंदिर में तीन चार दिन से एक महात्मा दिनेशगिरी जी आकर रूके हुये थे,जो भोजन शाला की तरफ सो रहे थे। जिनको अज्ञात बदमाशान द्वारा महात्मा जी के साथ मारपीट कर हत्या कर दी गई एवं भैरूजी के मंदिर का ताला तोड़कर मन्दिर से छतर, शंख, चांदी का कडा, आरती, पुरानी बंदुक व गादी की तलवार चोरी कर ले गये थे। जिस पर पुलिस थाना आमेट पर प्रकरण संख्या 147/2019 धारा 302,457,380 भादस में दर्ज कर अनुसंधान प्रारम्भ किया गया।
उक्त घटना कस्बा आमेट के प्रसिद्ध मन्दिर की होकर किन्ही अज्ञात बदमाशान द्वारा बेहद शातिर तरीके से की गई जिससे आम जनता में रोष व्याप्त था एवं पुलिस के लिये एक चुनौतीपूर्ण कार्य था। घटना को गम्भीरता से लेते हुये स्वयं पुलिस अधीक्षक भुवन भूषण यादव व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश गुप्ता एवं वृताधिकारी वृत कुम्भलगढ़ नरपत सिंह एवं थानाधिकारी पेशावर खान व साईबर सेल प्रभारी पवनसिंह सउनि सहित पूरी पुलिस टीम मौके पर पहुंच घटना स्थल का बारीकी से निरीक्षण किया। घटना स्थल की फोटोग्राफी, एफएसएल टीम, डाॅग स्काॅड तथा एमओबी टीम को घटना स्थल का मौका मुआयना करा आवश्यक कार्यवाही की गयी। पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में अज्ञात मुल्जिमानों की तलाश कर गिरफ्तारी हेतु पुलिस टीमों का गठन किया गया। पुलिस टीमों द्वारा त्वरीत कार्यवाही करते हुये 24 घण्टे के भीतर ही घटना को अंजाम देने वाले अपराधियों का पता लगा
मुल्जिम (1) असलम शाह पिता उमर शाह मुसलमान उम्र 22 साल निवासी आमेट जिला राजसमन्द (2) अभिषेक जीनगर पिता विष्णु जीनगर उम्र 20 साल निवासी आमेट जिला राजसमन्द को गिरफ्तार कर प्रकरण का माल मशरूका बरामद किया गया। प्रकरण का अनुसंधान पूर्ण किया जाकर आरोपियों के विरूद्ध आरोप पत्र 82 पृष्ठों में तैयार कर माननीय न्यायालय में पेश किया गया।
उक्त प्रकरण जघन्य अपराध की श्रेणी का हो प्रकरण को विशेष पैरवी हेतु केस आॅफिसर स्कीम में लिया जाकर पैरवी हेतु थानाधिकारी थाना आमेट को केस आॅफिसर नियुक्त किया गया। ट्रायल के दौरान अभियोजन पक्ष की तरफ से 28 गवाहान को परीक्षित करवाया गया तथा 34 प्रलेखीय साक्ष्य को प्रदर्शित करवाये जाकर तारीख पेशी के दौरान प्रकरण की प्रभावी पैरवी करवाई गई। जिसके फलस्वरूप माननीय अपर सेशन न्यायाधीश महोदय राजसमन्द द्वारा दिनांक 23 मार्च , 2021 को प्रकरण के अभियुक्त असलम शाह एवं अभिषेक जीनगर को दोषसिद्ध किया जाकर धारा 457 भा.द.स. के तहत 05 वर्ष के साधारण कारावास एवं 1000/- रूपये अर्थदण्ड़, अदम अदायगी जुर्माना 10 दिन के साधारण कारावास, धारा 302 भा.द.स. के तहत् दोषसिद्धी के लिए आजीवन कारावास एवं 10,000/- रूपये अर्थदण्ड़ एवं अदम अदायगी अर्थदण्ड़ तीन माह के कठोर कारावास, धारा 397 भा.द.स. के तहत् दोषसिद्धी पर 10 वर्ष कठोर कारावास की सजा से दण्ड़ित किया गया।