जिले में मानसून की अच्छी बारिश के साथ ही प्रमुख जलाशयों के भरने की खबरों के क्रम में सोमवार को नाथद्वारा उपखंड के मचिंद गांव में स्थित 226 गाँवों में पेयजल का स्त्रोत, 32 फीट गेज के साथ 311 एमसीएफटी भराव क्षमता वाले बाघेरी नाका बांध छलक गया है। बांध पर चादर चलने से नाथद्वारा शहर की जीवन रेखा नंदसमंद बांध के भरने की उम्मीद जाग गई है।
बरवाड़ा पुलिया को छूकर बह रही बनास नदी में पानी की लगातार आवक होने से बाघेरी का नाका बांध सोमवार सुबह साढ़े 9 बजे से ही हवा के साथ छलकने लग गया जो साढ़े दस बजे करीब पूरी तरह से छलक गया। गत वर्ष 16 अगस्त शुक्रवार रात्रि 9 बजकर 50 मिनिट पर बाघेरी का नाका छलका था । पानी की लगातार आवक बनी हुई हैं।
पर्यटन के लिए सुविख्यात बाघेरी नाका पर हर वर्ष चादर देखने व इसमें नहाने को भीड़ उमड़ती है। पुलिया पर बहते पानी में सड़क पार करने में कई दुर्घटनाओं के बाद भी पुलिया की ऊंचाई न बढ़ाया जाना राजनैतिक उदासीनता का विगत एक दशक से ज्यादा समय से ज्वलंत उदाहरण बना हुआ है।