प्रलोभन से नहीं, स्वेच्छा से करें रक्तदान….
राजसमंद। दुनियाभर के जनमानस को रक्तदान के लिए प्रोत्साहित करने और वैश्विक रक्त सुरक्षा परियोजना का प्रचार प्रसार व मजबूत करने के लिए, विश्व स्वास्थ्य संगठन, इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रेड क्रॉस और रेड क्रीसेंट सोसायटी, अंतर्राष्ट्रीय रक्तदान संगठन संघ, अंतर्राष्ट्रीय रक्तदान संघ की ओर से संयुक्त रुप से रक्तदान दिवस का आयोजन प्रतिवर्ष 14 जून को किया जाता है ! वर्ष 2022 में मनाए जाने वाले 19वें विश्व रक्तदान दिवस की थीम “रक्तदान करना, एकजुटता का कार्य है ! प्रयास में शामिल हो और जीवन बचाएं” रखी गई है ! यह स्लोगन उन भूमिकाओं की ओर ध्यान आकर्षित करता है जो स्वैच्छिक व अवैतनिक रक्तदान कर, इंसानों इंसानों के बीच एकजुटता का संदेश देना चाहते हैं ! विश्व रक्तदान दिवस कार्ल लैंड स्टीनर के जन्मदिन के अवसर पर मनाया जाता है ! कार्ल लैंडस्टेनर का जन्म 14 जून 1868 को हुआ था ! वह एक ऑस्ट्रेलियाई जीव विज्ञानी और चिकित्सक थे ! उन्होंने 1900 में एबीओ रक्त समूह की खोज की थी, इसलिए इन्हें “रक्त समूह का जनक” भी कहा जाता है ! जिन्हें चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था ! इस दिवस का आयोजन पहली बार 2004 में विश्व स्वास्थ्य संगठन और द इंटरनेशनल फेडरेशन द्वारा किया गया था ! उनके अनुसार रक्तदान मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहतर होता है तथा कुछ दिनों में रक्त का किया गया दान पुनः रिकवर हो जाता है ! हमारे द्वारा किया गया रक्तदान, किसी अनजान की जान बचा सकता है, इसीलिए रक्तदान को महादान की संज्ञा दी गई है !
रक्त है “जीवन की सरिता”….
पर्यावरणविद शिक्षक एवं जूलॉजिस्ट कैलाश सामोता “रानीपुरा” के अनुसार, मानव शरीर में समस्त अंग प्रत्यंगो की असंख्य कोशिकाओं की जैव रासायनिक प्रक्रियाओं को सुचारू रूप से संचालित के लिए, “जीवन की सरिता” कहलाने वाला महत्वपूर्ण तरल संयोजी ऊतक रुधिर /रक्त का निश्चित मात्रा एवं अनुपात में होना बेहद आवश्यक है ! मानव शरीर की लंबी अस्थियों की अस्थि मज्जा में निर्मित होने वाला रक्त, शरीर के कुल वजन का 7 से 8% भाग होता है, जो केंद्रीय पंपिंग स्टेशन हृदय द्वारा शरीर में सप्लाई होता रहता है ! इस रक्त के प्लाज्मा में तैरने वाली विभिन्न रक्त कोशिकाएं जैसे लाल रुधिर कोशिकाएं, श्वेत रुधिर कोशिकाएं, प्लेटलेट्स शरीर में प्राणवायु ऑक्सीजन एवं कार्बन डाइऑक्साइड गैस का परिवहन करती है तथा शरीर को विभिन्न रोगों से सुरक्षा प्रदान करने वाले प्रतिरक्षी तंत्र का निर्माण करती है ! रक्त के माध्यम से ही रक्त प्लाज्मा में घुलनशील सभी कार्बनिक, अकार्बनिक घटक जैसे आहार नाल पचित व अवशोषित भोजन के घटक जैसे ग्लूकोस, एमिनो अम्ल, वसीय अम्ल, ग्लिसरोल, जल, खनिज लवण, विटामिन, औषधियां, हारमोंस, एंजाइम्स सहित अपशिष्ट पदार्थ जैसे यूरिया, यूरिक अम्ल, क्रिएटिनिन आदि शरीर के समस्त अंग तंत्र की करोड़ों कोशिकाओं तक परिसंचरित होता है ! शरीर में होने वाले अत्यधिक रक्तस्राव रक्त की स्थिति, अंग प्रत्यारोपण, जटिल शल्य क्रिया, रक्त कैंसर, थैलेसीमिया, दुर्घटनावस किसी अंग तंत्र का क्षति ग्रस्त होने, प्रसव, आदि के दौरान हुए रक्तहास्/ अल्पता को पूरा करने के लिए, मानव शरीर को रक्त आधान की जरूरत पड़ती है ! ऐसे में किसी व्यक्ति द्वारा किया गया रक्तदान, जरूरतमंद के लिए सर्वश्रेष्ठ उपहार है !
निशुल्क, निस्वार्थ व नियमित रूप से करें रक्तदान….
वह प्रत्येक व्यक्ति जो अपने सेहत के सभी मानकों पर खरा उतरता है, वह अपना रक्तदान कर परमार्थ कमा सकता है ! किसी जरूरतमंद को रक्तदान करने से रक्तदाता के तन एवं मन दोनों अच्छा प्रभाव पड़ता है तथा रक्तदाता का शरीर तंदुरुस्त व हल्का महसूस करता है ! साथ ही रक्तदान से रक्तदाता के दिल की सेहत में सुधार होता है और विभिन्न बीमारियों की जड़ मोटापे को नियंत्रित करता है ! प्रत्येक व्यक्ति/ महिला/ पुरुष को अपने जीवन काल के 18 से 60 वर्ष की आयु के दौरान रोग ग्रस्त अवस्था, स्तनपान अवस्था मासिक धर्म, गर्भावस्था, कमजोरी, 50 किलो से कम वजन जैसी असामान्य स्थितियों को छोड़कर, निस्वार्थ, निशुल्क तथा बिना प्रलोभन के रक्तदान अवश्य करना चाहिए ! साथ ही रक्तदान से पहले, दाता अपने रक्त की समस्त जरुरी व आवश्यक जांचें करवाना सुनिश्चित करें, क्योंकि आपके रक्त में पाई जाने वाली असामान्यता रक्तग्राही व्यक्ति के जीवन के लिए खतरा साबित हो सकती है । आपके रक्तदान से किसी भी जाति, धर्म, समुदाय विशेष के जरूरतमंद इंसान को मिलने वाला जीवनदान, दुनिया को एकजुटता का पाठ पढ़ा सकता है !
“खून के सौदागर” ब्लड बैंकों की निगरानी बेहद जरूरी….
देश प्रदेश में अनियंत्रित रूप से बढ़ रही आबादी और उसी अनुपात में फैल रही विभिन्न बीमारियों, सड़क हादसों, आदि स्थितियों के कारण बढ़ रही रक्त एवं इलाज की जरूरत को देखते हुए, तेजी से ड्रग्स कंपनियों, हॉस्पिटल्स व ब्लड बैंकों की तादाद बढ़ी है, जिनमें ओने पौने दामों पर, विभिन्न सरकारी योजनाओं की सहायताओं का सहारा लेकर, आमजन को लूटा जा रहा है ! वही रक्तदान को महादान बताकर, विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के राजनेता ड्रग्स माफियाओं, हॉस्पिटल्स एंड ब्लड बैंकों के संचालकों से मिलकर, भोले भाले मजदूरों, नौजवानों, आदि को कैंपर, हेलमेट, घड़ी, भोजन, आदि का प्रलोभन देकर, अपने जन्मदिन पर रक्तदान शिविर लगाते हैं तथा अपनी राजनीति चमकाने का प्रयास करते नजर आ रहे हैं ! इन रक्तदान शिविरों में संकलित किए गए संक्रमित रक्त को नेता लोग बड़े ड्रग्स माफियाओं को बेच देते हैं ! इस प्रकार प्रदेश में तेजी से पनप रहे इन “खून के सौदागरों” की करतूतों पर पैनी नजर रखनी होगी, ताकि किसी जरूरतमंद को रक्त मिल सके और रक्त दाताओं द्वारा दिया गया रक्त दान व्यर्थ ना चला जाए एवं किसी स्वस्थ व्यक्ति के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ नहीं हो सके ! इसलिए प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग को चाहिए कि इन समस्त ब्लड बैंकों में कार्यरत स्टाफ की शैक्षणिक प्रशिक्षण योग्यता को जांचा परखा जाए तथा विभाग के तय मानकों पर खरा न उतरने की स्थिति में, इनके खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए, इन ब्लड बैंकों को सीज करने की कार्रवाई सुनिश्चित की जाए !